पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 1990 में बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्प पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए अल कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन से पैसा लिया था, एक किताब ने यह दावा किया है.
पूर्व ISI अधिकारी खालिद ख्वाजा की पत्नी शमा खालिद की लिखी इस किताब का नाम है ‘खालिद ख्वाजा: शहीद-ए-अमन’. यह किताब दावा करती है कि शरीफ की इस्लामिक व्यवस्था शुरू करने की प्रतिज्ञा ने ख्वाजा और ओसामा दोनों को आकर्षित किया था.
“जिया शासन के खत्म होने पर बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए PML-N के मुखिया मियां मोहम्मद नवाज शरीफ को अल कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन से आर्थिक मदद दी गई है,” किताब में कहा गया है.
द डॉन ने एक खबर में कहा कि ओसामा से भारी मदद मिलने के बात भी शरीफ ने अपना वादा नहीं निभाया.
किताब में पूर्व इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस डायरेक्टर जनरल, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हामिद गुल की एक टिप्पणी भी दी गई है, जो दावा करती है कि ख्वाजा कुछ समय के लिए नवाज शरीफ के काफी करीब रहे थे.
किताब के मुताबिक फिलिस्तीनी सुन्नी अब्दुल्ला आजम, जिसे ‘फादर ऑफ ग्लोबल जिहाद’ और ओसामा का प्रशिक्षक माना जाता है, ने ख्वाजा को अल कायदा के मुखिया से मिलवाया.
किताब यह भी दावा करती है कि ख्वाजा को पाकिस्तानी तालिबान से अलग हुए एक संगठन ने तब मार डाला जब वे अशांत जनजाति इलाकों में शांति के मिशन पर गए हुए थे.
ओसामा को 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नेवी सील्स ने ऑपरेशन में मार दिया था.
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