नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को, भंग हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स को करीब पांच महीने में दूसरी बार बहाल करते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) को बड़ा झटका दिया है जो सदन में विश्वास मत हारने के बाद अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने सोमवार को यह आदेश भी दिया कि दो दिन के अंदर नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए.
चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा की अगुवाई वाली बेंच ने पिछले हफ्ते इस मामले में सुनवाई पूरी की थी. बेंच में सुप्रीम कोर्ट के चार अन्य वरिष्ठतम जज जस्टिस- दीपक कुमार करकी, मीरा खडका, इश्वर प्रसाद खातीवाड़ा और डॉ. आनंद मोहन भट्टाराई - शामिल थे.
दरअसल नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन की ओर से दायर याचिका समेत करीब 30 याचिकाएं राष्ट्रपति की ओर से सदन को भंग किए जाने के खिलाफ दायर की गई थीं.
बता दें कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर 275 सदस्यीय निचले सदन को 22 मई को पांच महीने में दूसरी बार भंग कर दिया था और 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी.
चुनावों को लेकर अनिश्चितता के बीच निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते मध्यावधि चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)