नेपाल की संसद के निचले सदन ने 13 जून को नए नक्शे से जुड़े संविधान संशोधन बिल को पास कर दिया. नेपाल ने इस नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा दिखाया है. भारत और नेपाल के बीच तनाव काफी दिनों से चल रहा है. नेपाल आरोप लगाता आया है कि उसने भारत को बातचीत के कई ऑफर दिए लेकिन भारत ने जवाब नहीं दिया. अब ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने जवाब भी दिया था और विदेश सचिव मुलाकात की पेशकश भी की थी.
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने नेपाल के बातचीत के हर प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब दिया है.
सूत्रों ने बताया, "संशोधन बिल पास होने से पहले भी भारत ने बातचीत का प्रस्ताव दिया था. वर्चुअल बातचीत और विदेश सचिव मुलाकात की पेशकश भी दी गई थी, लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली बिल पास कराने की तरफ कदम बढ़ा दिए. हैरानी इस बात पर है कि पीएम ओली ने अपने नागरिकों को भारत के ऑफर के बारे में नहीं बताया."
सूत्रों का कहना है कि नेपाल ने मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है और अब ये वहां की सरकार पर निर्भर करता है कि वो बातचीत के लिए सकरात्मक माहौल बनाए.
सीमा पर भारतीय की मौत पर नेपाल से मांगा जवाब
भारत-नेपाल सीमा पर सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा में 12 जून को नेपाल पुलिस की तरफ से गोलीबारी की गई, जिसमें एक भारतीय की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए. नेपाल पुलिस एक भारतीय नागरिक को भी पकड़कर ले गई थी. ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने इस मामले पर नेपाल के गृह मंत्रालय और दिल्ली में उनके मिशन से बातचीत की है.
सूत्रों ने बताया, "नेपाल की तरफ से एक आधिकारिक जवाब का इंतजार है. नेपाल में भारतीय दूतावास के कड़े हस्तक्षेप के बाद उन्होंने 13 जून को पकड़े गए भारतीय नागरिक को छोड़ा."
कोरोना वायरस मामलों पर भी विवाद
नेपाल के पीएम केपी ओली देश में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. सूत्रों ने ओली के इस दावे को झूठा करार दिया है.
एक बार कोई व्यक्ति बॉर्डर पार कर लेता है तो ये उस देश की सरकार की जिम्मेदारी होती है कि उसे क्वॉरंटीन में रखे. नेपाल में हाल में ही कोरोना वायरस के मामलों के बढ़ने की वजह कम टेस्टिंग है. पूरी दुनिया से नेपाल के लोग वापस देश लौट रहे हैं. भारत ने भी उनके लौटने का प्रबंध किया है. सिर्फ भारत को COVID19 फैलाने का जिम्मेदार बताना हैरान करने वाला है.न्यूज एजेंसी ANI को सूत्रों ने बताया
नए मैप के लिए बिल
इस मैप में उन हिस्सों को भी शामिल किया गया है, जो भारत का हिस्सा हैं. नेपाल की सरकार कहती आई है कि भारत के मैप पर दिखने वाले लिम्पियाधूरा, लिपुलेख और कालापानी इलाके उसके हैं.
लिपुलेख पास भारत और नेपाल के विवादित बॉर्डर इलाके कालापानी के पश्चिमी छोर पर पड़ता है. नेपाल और भारत दोनों कालापानी को अपने क्षेत्र का अभिन्न अंग बताते हैं. भारत इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है. वहीं नेपाल इसे धारचूला जिले का हिस्सा कहता है.
कैलाश लिंक रोड पर नेपाल का ऐतराज
भारत ने हाल में रणनीतिक तौर पर अहम लिपुलेख पास को जोड़ने वाली एक लिंक रोड का उद्घाटन किया था. नेपाल ने इस पर आपत्ति जताई थी. 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लगभग 80 किलोमीटर लंबी ये लिंक रोड, तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा को कम करने के लिए बनाई गई है. मगर चीन और नेपाल की सीमा से सटे होने की वजह से इसकी रणनीतिक तौर पर अहमियत बढ़ जाती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)