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सितंबर में परिसीमन, 54 दिवसीय चुनाव कार्यक्रम: पाकिस्तान में कब होंगे जनरल इलेक्शन?

Pakistan General Election: ECP की चुनाव की डेटलाइन राष्ट्रपति के सुझाए गए समय से दो महीने से अधिक है.

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पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने 21 सितंबर को घोषणा की कि आम चुनाव (Pakistan General Election 2024) जनवरी 2024 के आखिरी सप्ताह में होंगे. हालांकि, पाकिस्तान आयोग ने चुनाव के तारीखों की घोषणा नहीं की है. इससे पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने 6 नवंबर तक चुनाव कराने की सलाह दी थी. ईसीपी की चुनाव की डेटलाइन राष्ट्रपति के सुझाए गए समय से दो महीने से अधिक है.

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पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि उसने निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर काम की समीक्षा की और निर्णय लिया कि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए प्रारंभिक सूची 27 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी.

इसके अलावा, परिसीमन पर आपत्तियों और सुझावों को सुनने के बाद 30 नवंबर को अंतिम सूची जारी की जाएगी. इसमें कहा गया कि 54 दिवसीय चुनाव प्रचार कार्यक्रम पूरा होने के बाद जनवरी के आखिरी सप्ताह में चुनाव होंगे. पाक चुनाव आयोग ने इससे एक दिन पहले ही बताया था कि उसने आम चुनावों के लिए आचार संहिता पर चर्चा के लिए अगले महीने राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक निर्धारित की है.

राष्ट्रपति-पाक चुनाव आयोग के बीच दिखी खींचतान

पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर राष्ट्रपति और चुनाव आयोग में खींचतान देखने को मिली. 13 सितंबर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सिकंदर सुल्तान राजा को पत्र लिखा और 6 नवंबर तक चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया. इतना ही नहीं, पाक राष्ट्रपति ने संविधान का हवाला देते हुए कहा "राष्ट्रपति के लिए नेशनल असेंबली के भंग होने के 90 दिनों के भीतर चुनाव की तारीख तय करना जरूरी है."

राष्ट्रपति की इस मांग पर चुनाव आयोग ने भी संविधान का हवाला दिया और कहा था कि चुनाव कराना आयोग का डोमेन है. उसके बाद, मुख्य चुनाव आयुक्त ने आम चुनाव की तारीख तय करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से बुलाई गई बैठक में जाने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था.
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कार्यवाहक पीएम संभाल रहे देश की बागडोर

बता दें कि शहबाज शरीफ के इस्तीफे के बाद अनवर उल हक काकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए गए थे. वे देश में चुनाव होने तक सरकार चलाएंगे. उनपर ही पाकिस्तान में चुनाव कराने की जिम्मेदारी है. चुनाव के बाद जो पार्टी बहुमत से जीतेगी, वो अपना पीएम चुनेगी.

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