ADVERTISEMENTREMOVE AD

इमरान खान के खिलाफ अमेरिकी साजिश के आरोप को पाकिस्तानी सेना ने किया खारिज

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में 'साजिश' शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ- पाकिस्तान सेना

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पाकिस्तान की सेना (Pakistan military) ने गुरुवार, 14 अप्रैल को पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान (Imran Khan) द्वारा लगाए गए उन आरोपों को खारिज कर दिया कि अमेरिका ने अविश्वास प्रस्ताव के रास्ते उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने गुरुवार को कहा कि पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद जारी बयान में 'साजिश' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से उन्हें हटाने के लिए एक विदेशी साजिश के दावे पर सेना नेतृत्व के रुख और क्या एनएससी ने इस तरह के दावे का समर्थन किया था, के बारे में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

मेजर जनरल ने कहा, "जहां तक एनएससी बैठक के बारे में सैन्य प्रतिक्रिया की बात आती है, उस बैठक में उस रुख को पूरी तरह से सामने लाया गया था और फिर एक बयान जारी किया गया था.. जो स्पष्ट रूप से कहता है कि उस बैठक में क्या निष्कर्ष निकाला गया था."

मेजर जनरल इफ्तिखार ने कहा, "इस्तेमाल किए गए शब्द आपके सामने हैं. जैसा कि मैंने कहा.. इस्तेमाल किए गए शब्द स्पष्ट हैं. क्या इसमें साजिश जैसे किसी शब्द का प्रयोग हुआ है? मुझे तो नहीं लगता."

उन्होंने कहा कि अगर सरकार फैसला करती है तो एनएससी की बैठक को डीक्लासिफाई किया जा सकता है.

0

इमरान खान ने राजनीतिक संकट में मदद के लिए सेना प्रमुख से संपर्क किया था- पाकिस्तान सेना

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य जवाब में आईएसपीआर के डीजी ने खुलासा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने राजनीतिक संकट का समाधान खोजने में मदद के लिए सेना प्रमुख से संपर्क किया था.

उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारा राजनीतिक नेतृत्व बात करने के लिए तैयार नहीं था. इसलिए सेना प्रमुख और आईएसआई के महानिदेशक पीएमओ गए और तीन परिदृश्यों पर चर्चा की गई."

उन्होंने कहा कि एक तथ्य यह है कि अविश्वास प्रस्ताव जैसा था वैसा ही होना चाहिए. दूसरी बात यह है कि प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया या अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया गया और विधानसभाओं को भंग कर दिया गया.

जनरल इफ्तिखार ने स्पष्ट किया कि संस्थान की ओर से कोई विकल्प नहीं दिया गया था.

वह हाल ही में सेना के खिलाफ घटिया अभियान के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान पर जनरल मुख्यालय में हाल ही में आयोजित फॉर्मेशन कमांडरों के सम्मेलन के बारे में पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे.

आईएसपीआर के डीजी ने विपक्षी दलों की स्थापना बैठक के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को खारिज कर दिया. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, "इसमें कोई सच्चाई नहीं है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

9 अप्रैल की रात को सेना प्रमुख इमरान खान से मुलाकात पर बीबीसी की स्टोरी का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने ये बातें सुनीं.. खोजी पत्रकारिता बहुत आगे बढ़ गई है. किसी के पास सबूत हैं तो सामने लाएं. ऐसा कोई संपर्क नहीं था, कोई सौदा नहीं था. ऐसा कुछ भी नहीं है."

उन्होंने आगे कहा, "मैंने उस दिन भी कहा था कि जो भी राजनीतिक प्रक्रिया चली है, उसमें सेना की किसी भी स्तर पर कोई भूमिका या हस्तक्षेप नहीं था."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें