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Pegasus: फ्रांस ने इजरायल पर बढ़ाया जांच का दबाव, मैक्रों ने बेनेट से की बात

NSO ग्रुप ने कहा है कि Emmanuel Macron उसके किसी भी कस्टमर के टारगेट नहीं थे

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने कथित तौर पर पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus) की मदद से उनकी जासूसी के संबंध में इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बैनेट से बात की है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह बातचीत इजरायली कंपनी NSO द्वारा निर्मित स्पाइवेयर, पेगासस की मदद से मोरक्को की खुफिया एजेंसी द्वारा फ्रांसीसी राष्ट्रपति की संभावित जासूसी के मामले से संबंधित थी.

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मैक्रों ने इजरायल सरकार द्वारा "ठीक से जांच" सुनिश्चित कराने के लिए नफ्ताली बैनेट को यह कॉल किया था. फोन कॉल में मैक्रों ने चिंता व्यक्त की कि उनका खुद का फोन और उनके अधिकांश कैबिनेट सदस्यों का फोन पर पेगासस से संक्रमित हो सकता है.

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत खुलासे में यह बात सामने आई है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों और उनके कैबिनेट के कई सदस्यों का फोन मोरक्को की खुफिया एजेंसी द्वारा सर्विलांस के संभावित टारगेट लिस्ट में डाला गया था.

इजरायली सर्विलांस स्पाईवेयर कंपनी NSO ग्रुप द्वारा विकसित मिलिट्री ग्रेड हैकिंग सॉफ्टवेयर ऑपरेटर को टारगेट के मैसेज, फोटो, ईमेल और कॉल रिकॉर्ड करने में सक्षम बनाता है.

NSO ग्रुप ने कहा है कि मैक्रों उसके किसी भी कस्टमर के टारगेट नहीं थे. यानी कंपनी ने इस बात से इनकार किया है कि पेगासस की मदद से फ्रांसीसी राष्ट्रपति की जासूसी हुई है. कंपनी का कहना है कि सिर्फ टारगेट लिस्ट में नंबर होने से यह स्पष्ट नहीं है कि पेगासस की मदद से उनकी निगरानी की गयी थी या नहीं.

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