कोरोनावायरस के डेल्टा वैरिएंट (delta variant) को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. स्टडीज में इस स्ट्रेन को लेकर रोजाना नई बातें सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक स्टडी में पता चला है कि डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित व्यक्तियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अल्फा वैरिएंट के मुकाबले दुगनी से ज्यादा है. लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि फाइजर (pfizer vaccine) और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (astrazeneca vaccine) डेल्टा वैरिएंट से सुरक्षा देती हैं.
स्कॉटलैंड में हुई एक बड़ी स्टडी में पाया गया कि फाइजर-BioNTech की कोरोना वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ बेहतर सुरक्षा देती है. डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में और अल्फा वैरिएंट सबसे पहले यूके में पाया गया था.
यूके में अब डेल्टा वैरिएंट का कहर देखने को मिल रहा है. देश में कोरोनावायरस प्रतिबंध हटाए जाने थे, लेकिन इस वैरिएंट के मामले बढ़ने के बाद प्रतिबंध जल्दी हटाने पर विचार किया जा रहा है.
स्टडी में क्या पाया गया?
स्टडी के नतीजों को द लांसेट जर्नल में छापा गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा और स्ट्रैथक्लाइड के अलावा पब्लिक हेल्थ स्कॉटलैंड के रिसर्चर्स ने पाया कि फाइजर वैक्सीन दूसरी डोज के 14 दिन बाद डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 79% सुरक्षा देती है. अल्फा वैरिएंट के खिलाफ ये सुरक्षा 92% है.
वहीं, एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 60 फीसदी सुरक्षा देती है और अल्फा वैरिएंट के खिलाफ 73 फीसदी सुरक्षा.
स्टडी में 1 अप्रैल से 6 जून तक स्कॉटलैंड में आए मामलों को जनसंख्या में फैलाव के नजरिये से देखा गया. रिसर्चर्स का कहना है कि यूके और दूसरी जगहों पर ऐसी ही स्टडीज को मिलकर एक पूरा आकलन दिया जाएगा.
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