- ‘प्लेबॉय’ के फाउंडर ह्यूग हेफनर का निधन
- शिकागो में हुआ जन्म
- क्लर्क के रूप में ज्वाइन की थी आर्मी
- एस्क्वॉयर मैग्जीन में कॉपी राइटर भी रहे
- 3 शादी कीं, 60 साल छोटी थी तीसरी पत्नी
- 1953 में लाए ‘प्लेबॉय’ मैग्जीन
- मैग्जीन के सेंटर पेज पर छापी जाती थी न्यूड फोटो
एडल्ट मैग्जीन प्लेबॉय के फाउंडर और ‘सेक्स रिवोल्यूशन’ लाने वाले ह्यूग हेफनर का बुधवार रात निधन हो गया. 91 साल के हेफनर कई दिनों से बीमार थे. उनका निधन उनके घर प्लेबॉय मेंशन में हुआ. वो अपनी लाइफस्टाइल और विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे. 1953 में शुरू हुई उनकी मैग्जीन युवाओं के बीच काफी फेमस हुई. प्लेबॉय एंटरप्राइजेस ने उनके निधन की जानकारी ट्विटर पर शेयर की है.
आखिर हेफनर की ‘प्लेबॉय’ क्यों हुई इतनी फेमस...
हेफनर ने 600 डॉलर के साथ प्लेबॉय शुरू की थी. देखते ही देखते मैग्जीन ने अरबों डॉलर का बिजनेस खड़ा कर लिया. 70 के दशक में तो मैग्जीन अपने गोल्डन एरा में थी.
पहली मैग्जीन के सेंटरफोल्ड पेज में मशहूर एक्ट्रेस मर्लिन मुनरो का न्यूड फोटो छापा गया था, जिसे देख पूरे अमेरिका में हंगामा मच गया. लेकिन मैग्जीन ने सेंटरफोल्ड पेज पर न्यूड फोटो छापना जारी रखा.
आखिरी बार मैग्जीन में 2016 के जनवरी-फरवरी के अंक में पामेला एंडरसन की न्यूड फोटो छापी गई थी. हालांकि हाल ही में मैग्जीन के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर कूपर हेफनर ने कहा कि प्लेबॉय में दोबारा न्यूड फोटो पब्लिश होंगी. कूपर, ह्यूग हेफनर के बेटे हैं.
ये मैग्जीन इतनी फेमस थी कि इसकी 50 लाख तक कॉपी छपा करती थीं, लेकिन अब इंटरनेट ने लोकप्रियता कम कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले साल मैग्जीन का सर्कुलेशन गिरकर 7 लाख तक हो गया है.
लेकिन प्लेबॉय एंटरप्राइसेस अब टेलीविजन नेटवर्क, वेबसाइट्स, मोबाइल प्लेटफॉर्म्स और रेडियो के जरिए युवाओं तक एडल्ट कंटेंट पहुंचा रहा है.
हेफनर ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था,
मैं चाहूंगा कि मुझे ऐसे शख्स के तौर पर याद रखा जाए, जिसने सकारात्मक तरीके से दुनिया में बदलाव किया और समाज की यौैन भावना में बदलाव लेकर आया.
उन्होंने कहा, "मैं एक बच्चा हूं जिसने सपना देखा और इसे साकार किया."
खबरों की मानें तो हेफनर औरतों से संबंध बनाने की एक डायरी भी रखते थे और लिखते थे कि उन्होंने कब और किस औरत के साथ संबंध बनाए.
भारत में भी ‘प्लेबॉय’ जैसी मैग्जीन
हेफनर की ‘प्लेबॉय’ की तर्ज पर भारत में भी कई मैग्जीन शुरू करने की कोशिश की गई. इसमें से एक थी डेबोनेयर. इसे आउटलुक के एडिटर रहे चर्चित पत्रकार विनोद मेहता ने शुरू किया था.
दुनिया से जाने के बाद सोशल मीडिया पर छाए हेफनर
हेफनर को अब नहीं रहे लेकिन उनकी ‘प्लेबॉय’ अब भी जारी है. देखना होगा कि अब उनके बेटे क्या इस मैग्जीन के उस जादू को बरकरार रख पाएंगे, जिसकी शुरुआत उनके पिता ने की थी.
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