Quad की ये मीटिंग तो थी वर्चुअल लेकिन इसके नतीजे रियल होंगे. खासकर हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया, इन चार देशों के प्रमुखों के बीच वार्ता और वार्ता के टोन को लेकर चीन को जरूर संदेश गया होगा. चीन को लेकर कोई खुला बयान तो जारी नहीं हुआ है लेकिन जो बातें चीन को अच्छी नहीं लगेंगी वो आपको समझाते हैं.
बैठक में नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि Quad अब एक स्वरूप ले चुका है. पीएम मोदी समेत चारों देशों ने माना कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे इसमें Quad की अहम भूमिका होगी.
इसके अलावा बैठक में तय हुआ कि भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए कोरोना वैक्सीन तैयार करेगा और बाकी तीनों देश इसके लिए उसे आर्थिक मदद मुहैया कराएंगे. एक अरब वैक्सीन बनाने पर सहमति हुई है.
ट्रंप चीन के खिलाफ मुखर थे. सवाल था कि बाइडेन का रुख कैसे होगा. बाइडेन मोदी की जुगलबंदी कैसी रहेगी? इस बैठक से ये भी साफ हुआ कि जहां तक चीन, Quad और एशिया प्रशांत क्षेत्र का सवाल है, बाइडेन-मोदी भी ट्रंप-मोदी की राह पर ही चलेंगे.
चीन के लिए चक्रव्यूह
जिस तरह से इस इलाके में चीन अपनी हेकड़ी दिखा रहा है, जिस तरह से वो इलाके के छोटे-छोटे देशों को 'वैक्सीन कूटनीति' के जरिए साधने की कोशिश कर रहा है, उसके बीच ये तीनों चीजें चीन को चिढ़ाएंगी जरूर. कोरोना वायरस चीन से निकला और पूरी दुनिया आज उसके बुरे परिणाम को भुगत रही है. ऐसे में चीन चाहता है कि वो दुनिया, खासकर एशिया पैसेफिक क्षेत्र के देशों के जख्मों पर वैक्सीन का मरहम लगाकर अपनी इमेज ठीक करे और आगे दोस्ती और सहयोग का रास्ता तैयार करे. उसकी इसी रणनीति के काट के तौर पर Quab की वैक्सीन नीति को देखा जा सकता है.
''ये समिट होना ही अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. Quad के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, खुला समृद्ध और सुरक्षित माहौल रहना चाहिए''-भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला
चीन को लगी मिर्ची
चीन की झल्लाहट का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 12 मार्च को Quad की बैठक से चंद घंटों पहले चीनी सरकार की माउथपीस ग्लोबल टाइम्स में एक लेख छपा जिसमें कहा गया -
''भारत अब BRICS और SCO से संगठनों के लिए नेगेटिव एसेट बनता जा रहा है. चीन ने भारत में BRICS 2021 का समर्थन किया है, लेकिन लगता है कि भारत को चीन की भलमनसाहत समझ में नहीं आ रही है. भारत चीन से हर तरह की मदद लेता है लेकिन भारत चीन को ब्लैकमेल कर रहा है.''
कोई ताज्जुब नहीं कि कुछ लोग Quad की इस बैठक की तुलना NATO की 1957 में पहली बैठक से कर रहे हैं. QUAD की चौकड़ी चीन के लिए एक चक्रव्यूह जैसा है. अमेरिका चाहता है कि चीन की बढ़ती आर्थिक और सामरिक शक्तियों को नियंत्रित किया जाए. भारत चाहता है कि चीन अपनी हेकड़ी बंद करे. इन दोनों देशों की चाहत को ये Quad बैठक पंख देती नजर आ रही है.
क्या है Quad?
Quad-क्वाड्रिलैटरल सिक्युरिटी डायलॉग (क्यूसिड)
2007 में जब क्वाड बना तो मकसद था आपदा की स्थिति में समुद्र में बेहतर तालमेल
2007 से 2017 तक निष्क्रिय रहा.
2017 में Quad के देश मिले तो मकसद था चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना.
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