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रूस ने अमेरिका से लिया बदला, 60 राजनयिकों को निकाला

रूस ने बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 60 राजनयिकों को सात दिन के अंदर देश छोड़ने को कहा

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अमेरिका और रूस के रिश्ते में तल्खी बढ़ती जा रही है. रूस ने अमेरिका की तरह ही अपने यहां से 60 अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. इतना ही नहीं जिस तरह अमेरिका ने सिएटल में रूसी दूतावास को बंद करने का फैसला किया है, ठीक उसी तरह पलटवार करते हुए रूस ने भी सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है.

रूस ने बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 60 राजनयिकों को सात दिन के अंदर देश छोड़ने और 48 घंटों के अंदर सेंट पीटर्सबर्ग दूतावास को बंद करने के लिए कहा है.

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‘रूस से निपट लेगा अमेरिका’

रूस की कार्रवाई पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने की रूस की कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका- रूस संबंध और बदतर हो रहे हैं.''

सैंडर्स ने कहा,

अमेरिका और 24 से अधिक देशों और नाटो सहयोगियों ने रूस के अघोषित खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करना ब्रिटेन की सरजमीं पर रूस के हमला का उचित जवाब था. रूस की प्रतिक्रिया ‘‘अप्रत्याशित नहीं’’ है और अमेरिका इससे ‘‘निपट’’ लेगा.

क्या है पूरा मामला?

रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल पर 4 मार्च को ब्रिटेन में केमिकल अटैक हुआ. 66 साल के सर्गेई स्क्रिपल जो कभी रूसी सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस में कर्नल थे. उनपर अपने ही देश के खिलाफ जासूसी और गद्दारी का आरोप लगा. रूस ने स्क्रिपल पर रूसी गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआइ 6 को बेचने का आरोप लगा, जिसके बाद उन्हें 13 साल की सजा हुई. लेकिन साल 2010 में ब्रिटेन और रूस के बीच ‘जासूसों की अदला-बदली’ का समझौता हुआ, समझौते के बाद स्क्रिपल अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए थे. पूर्व रूसी जासूस और उनकी बेटी ने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली है.

लेकिन अब रूस पर आरोप लगा है कि ब्रिटेन में रह रहे उसके राजनयिकों ने ही पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल पर हमला किया है. साथ ही कोल्ड वॉर के दौरान रूस ने जो केमिकल अटैक के लिए नर्व एजेंट तैयार किये थे उसका इस्तेमाल बिना युद्ध की स्थिति में मित्र देशों की सरजमीं पर किया गया है.

ब्रिटेन का दावा हमारे नागिरक पर हुआ था हमला

अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,

‘‘रूस की प्रतिक्रिया को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हमारी कार्रवाई ब्रिटेन, ब्रिटिश नागरिक (पूर्व जासूस) और उनकी बेटी पर हमले की प्रतिक्रिया थी. याद रखे कि यह पहली बार है जब नर्व एजेंट नोविचोक का युद्ध से इतर मित्र देशों की सरजमीं पर इस्तेमाल किया गया.’’

यही नहीं अमेरिका के साथ 28 देशों ने 153 रूसी जासूसों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके अलावा ब्रिटेन के साथ एकजुटता दिखाते हुए 20 से ज़्यादा देश रूस के राजनयिकों को निकाल चुके हैं.

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