65 साल के व्लादिमीर पुतिन, चौथी बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए. रविवार को हुए चुनाव में उन्हें 76% से ज्यादा वोट मिले, जो पिछली बार से करीब 13% ज्यादा है. पुतिन 6 साल के लिए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. हालांकि विपक्षी पार्टी चुनाव में धांधली के आरोप लगा रही है. पुतिन के सामने 7 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे, पुतिन अब 2024 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे.
समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, रविवार को हुए चुनाव में लगभग 5.55 करोड़ मतदाताओं ने पुतिन के समर्थन में वोट किया.
कब-कब पुतिन सत्ता में रहे?
पुतिन पहली बार साल 2000 में राष्ट्रपति चुने गए थे. उसके बाद 2004 में पुतिन दोबारा राष्ट्रपति चुने गए.
रूस के संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता. इसलिए 2008 में पुतिन राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सके. ऐसे में पुतिन प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की. प्रधानमंत्री रहते पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनने की इच्छा जताई. फिर रूस के संविधान में संशोधन किया गया. मतलब दो बार राष्ट्रपति बनने की लिमिट खत्म हो गई. साथ ही राष्ट्रपति के कार्यकाल को भी 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया. पुतिन ने 2012 में तीसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और जीत भी गए.
पुतिन को 2012 में 4.56 करोड़ (63.6 फीसदी) वोट मिले थे. 2000 में 3.97 करोड़ (52.9 फीसदी) वोट मिले थे जबकि 2004 में 4.96 करोड़ (7.131 फीसदी) लोगों ने उनका समर्थन किया था.
रूस के इतिहास में जोसफ स्टालिन अब तक सबसे ज्यादा दिन तक सत्ता में रहने वाले नेता हैं. स्टालिन 30 साल सत्ता में रहे थे.
तो पुतिन की राह इस वजह से हुई आसान
माना जा रहा है कि पुतिन के कट्टर विरोधी एलेक्सी नावल्नी के चुनाव नहीं लड़ने की वजह से ये चुनाव पुतिन के लिए आसान रहा. एलेक्सी नावल्नी पर धोखाधड़ी की वजह से चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
सीईसी के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन 11.87 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं. उनके बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रशिया के प्रमुख व्लादिमीर झिरिनोवस्काइ 5.73 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं. वहीं, सिविल इनिशिएटिव पार्टी के उम्मीदवार सेनिया सोबचाक को 1.64 फीसदी वोट मिले हैं.
बता दें कि यूक्रेन से अलग कर क्रीमिया को अपने नियंत्रण में करने के बाद रूस में पहली बार चुनाव हुए हैं. हालांकि, यूक्रेन में रह रहे रूसी नागरिकों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई.
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