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Salman Rushdie को वेंटिलेटर से हटाया गया, बाइडेन बोले- उनके साहस को सलाम है

Salman Rushdie Health Update: सलमान रुश्दी अब बोल भी पा रहे हैं, बता दें हमलावर ने उनकी गर्दन पर किया था वार

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Salman Rushdie Health Update: भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी को अब वेंटिलेटर से हटा लिया गया है. रिपोर्टों के मुताबिक, रुश्दी के एजेंट ने बताया है कि अब रुश्दी बात भी कर पा रहे हैं.

बता दें लेखक आतिश तासीर Atish Taseer) ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और अब वे बात कर पा रहे हैं. लेकिन बाद में तासीर ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया था.

द गार्डियन के मुताबिक, रुश्दी की एजेंसी एंड्रयू वायली ने भी इस जानकारी की पुष्टि की है, हालांकि उन्होंने आगे कोई भी जानकारी नहीं दी है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी प्रतक्रिया

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने रुश्दी के साहस की तारीफ करते हुए उनके ऊपर हुए हमले पर दुख जताया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "जिल और मुझे सलमान रुश्दी पर हुए हमले से झटका लगा है, दुख हुआ है. सभी अमेरिकियों और दुनिया के लोगों के साथ हम उनके स्वास्थ्य और उनके जल्द ठीक होने की दुआ करते हैं. मैं रुश्दी को सबसे पहले मदद पहुंचाने वाले लोगों और हमलावर को काबू में करने वालों लोगों का भी आभार व्यक्त करता हूं."

रुश्दी पर हुआ था हमला

शुक्रवार को न्यूयॉर्क के चाउताउकुआ इंस्टीट्यूशन में सलमान रुश्दी लेक्चर देने पहुंचे थे. इस बीच इंट्रोडक्शन के दौरान मतार ने स्टेज पर जाकर उनके ऊपर हमला कर दिया और रुश्दी को चाकुओं से गोद दिया. रुश्दी के गले में चाकू का घाव आया था, इसके बाद रुश्दी को हेलिकॉप्टर से एक अस्पताल ले जाया गया.

न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, रुश्दी को पहले मदद करने वाले डॉक्टरों में शामिल डॉ मार्टिन हैस्केल ने बताया कि लेखक को आए घाव गंभीर, लेकिन ठीक किए जाने लायक हैं.

माना जा रहा है कि यह हमला रुश्दी द्वारा 1989 में लिखी गई किताब द सैटानिक वर्सेज की प्रतिक्रिया में किया गया है. बता दें रुश्दी को लगातार जान से मारे जाने की धमकियां मिलती रही हैं. 1989 में ईरान के नेता अयातुल्लाह खोमैनी द्वारा फतवा जारी किए जाने के बाद रुश्दी को 9 साल छुपकर रहना पड़ा था. यहां तक कि किताब से संबंधित दूसरे लोगों, जैसे- अनुवादकों को भी कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है. कट्टरपंथियों का कहना है कि यह किताब ईशनिंदा करती है.

पढ़ें ये भी: Salman Rushdie की किताब को लेकर पहले भी हमले-तुर्की में नरसंहार,अनुवादक की हत्या

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