ADVERTISEMENTREMOVE AD

श्रीलंका:आ सकता है एक पावरफुल परिवार का ‘राज’, भारत पर भी होगा असर

शुरुआती रूझानों के मुताबिक, राजपक्षे परिवार की पार्टी जीत की ओर हैं.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

श्रीलंका में 16वें आम चुनावों में डाले गए वोटों की गिनती गुरुवार को चल रही है. एक चुनाव चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिया ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के बीच बुधवार को संसद के 225 नए सदस्यों के चुनाव के लिए कुल 71 फीसदी वोटिंग हुई. देशप्रिया के मुताबिक, जीतने वाले की घोषणा शुक्रवार सुबह की जाएगी. शुरुआती रूझानों के मुताबिक, राजपक्षे परिवार की पार्टी जीत की ओर हैं.

इस बीच पीएम मोदी ने श्रीलंका का राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से बातचीत कर उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

आम चुनाव अभी क्यों हो रहे हैं?

राष्ट्रपति ने 16वें आम चुनाव के मद्देनजर मार्च में संसद को भंग कर दिया था. उन्हें अपनी लोकप्रियता को देखते हुए ये कदम उठाया था. इसके बाद पहले आम चुनाव 25 अप्रैल को होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण दो बार स्थगित करना पड़ा. पिछले 6 महीने से श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बिना संसद के ही काम कर रहे हैं.

चुनाव कैसे होते हैं?

श्रीलंका की पार्लियामेंट में 225 सदस्य होते हैं. चुनाव के जरिए 196 सदस्य आते हैं. बाकी 29 सदस्य आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत जिन पार्टियों को जितना वोट मिलता है उस आधार पर वो पार्टी अपने सदस्यों को नामित करते हैं. बहुमत के लिए कम से कम 113 सीटें जीतनी होती है.

सत्ता में दोबारा लौटने पर क्या हो सकते हैं बदलाव?

राजपक्षे की श्रीलंका पीपल्स पार्टी अगर दो तिहाई बहुमत लेकर सत्ता में आती है तो वो संविधान में संशोधन करके राष्ट्रपति के अधिकारों को बढ़ाने की कोशिश करेगी. 215 में राष्ट्रपति के अधिकारों पर तब की सरकार ने कुछ अंकुश लगा दिए थे .

राष्ट्रपति गोटबाया के बड़े भाई महिंदा राजक्षे प्रधानमंत्री है इस चुनाव में इस परिवार के तीन और सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. अगर ये सब जीत गए तो श्रीलंका में एक ही परिवार का राज हो जाएगा.

बता दें कि गोटाभाया राजपक्षे एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं, जिन्होंने उस दौरान श्रीलंका के रक्षा विभाग की कमान संभाली थी, जब उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति (2005-2015) थे.इसके अलावा जब श्रीलंका ने 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ अपना युद्ध समाप्त किया तब भी वह रक्षा विभाग के प्रमुख रहे.

कई पार्टियां हैं मैदान में

श्रीलंका की दूसरी बड़ी पार्टी UNP जब सरकार में थी तो आपसी झगड़ों के कारण उसके दो हिस्से हो गए थे. इस चुनाव में मैत्रीपली सिरिसेना की यूनाइटेड नेशनल पार्टी( UNP) के अलावा कालिस विक्रमसिंघे की पार्टी और तमिल नेशनल अलायंस (TNA) भी मैदान में हैं.

भारत के लिए क्या है संदेश

श्रीलंका पीपल्स पार्टी चीन के काफ़ी करीब है जबकि भारत ने UNP सरकार के साथ नजदीकी के साथ काम किया था. अब श्रीलंका पीपल्स पार्टी के जीतने की संभावना को देखते हुए हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो की यात्रा की और आपसी रिश्तों पर बातचीत की. श्रीलंका में चीन का बड़ा भारी निवेश है खास तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में है. भारत के लिए जरूरी होगा कि अपने पड़ोस के मुल्क में चीन का असर बढ़ने से रोके .

श्रीलंका की आर्थिक स्थिति इस वक़्त कमजोर है और राजपक्षे परिवार ने देश को मजबूत सरकार देने का वादा किया है. ऐसे में विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत के सामने एक विकल्प यह है कि वो श्रीलंका की आर्थिक मदद करे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×