अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दोहरे बम विस्फोट और खोस्त में गोलीबारी की वारदात में दस पत्रकारो की मौत हो गई. इसे तालिबान के पतन के बाद सबसे मीडिया के लोगों पर पर सबसे खतरनाक हमला कहा जा रहा है. नौ पत्रकार उस वक्त मारे गए जब वे काबुल में हुए दोहरे आत्मघाती विस्फोट को कवर करने पहुंचे थे. इसके अलावा पाकिस्तान की सीमा के नजदीक खोस्त प्रांत में बीबीसी के रिपोर्टर अहमद शाह की गोली मार कर हत्या कर दी गई.
काबुल में मोटरसाइकिल सवार आत्मघाती हमलावरों ने शश दराक के सामने नाटो के मुख्यालय और अमेरिकी दूतावास के नजदीक खुद को उड़ा लिया. यह वारदात सोमवार को सुबह आठ बजे हुई. दूसरा आत्मघाती हमला कैमरे लिए पत्रकार के तौर पर एक दूसरे आतंकवादी ने किया. यह हमला पहले विस्फोट के 20 मिनट बाद हुआ. इसमें कई राहतकर्मी और पत्रकारों की मौत हो गई. इनमें एएफपी का एक फोटो जर्नलिस्ट भी था. वह इसे विस्फोट को कवर करने गया था. इस हमले में 25 लोगों की मौत हो गई और 45 घायल हो गए
इसके बाद कंधार में एक मदरसे में आतंकियों ने हमला कर 11 बच्चों को मार डाला. कुल 16 लोग मारे गए जिनमें नाटो की ओर से लड़ रहे 5 सैनिक भी थे. मारे गए पत्रकार और उनके संस्था्नों के नाम इस तरह हैं-
- शाह मरई, चीफ फोटोग्राफ्रर - एएफपी काबुल ब्यूरो
- महरम दुरानी- रेडियो ब्रॉडकास्टर सलाम वतनदार
- योल मोहम्मद तोखी - कैमरामैन तोलो न्यूज
- सलीम तलाश और अली सलीमी - मशाल टीवी
- गाजी रसोली और नवरोज अली- 1टीवी
- अब्दुल्ला हानाजई - रेडियो फ्री यूरोप
- सबाउन ककर - आजादी रेडियो
- अहमद शाह - बीबीसी
रेडियो फ्री यूरोप ने कहा है कि उसके तीन पत्रकारों की मौत हुई है. हाल के दिनों में किसी घटना में एक साथ इतने पत्रकारों की मौत का यह पहला मामला है. इससे अफगानिस्तान में वो खतरनाक हालात भी सामने आए हैं. जिनमें पत्रकारों को काम करना पड़ रहा है.
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