अमेरिका के ओरलैंडो में कल रविवार को एक नाइटक्लब में हुई अंधाधुंध गोलीबारी से 50 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस घटना को अमेरिका पर आतंकी हमला करार दिया है. अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई भी इस घटना की जांच आतंकी हमला मानकर कर रही है.
अमेरिकी इतिहास की सबसे जानलेवा गोलीबारी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ये समलैंगिक समुदाय के लिए दिल तोड़ने वाला दिन है और ये गोलीबारी अमेरिकी इतिहास की सबसे जानलेवा गोलीबारी है.
ये इस बात की भी याद दिलाता है कि ऐसी हिंसा के लिए किसी को कितनी आसानी से बंदूकें मिल जाती हैं. अमेरिका के लोगों को तय करना होगा कि क्या हम एक ऐसा देश बनना चाहते हैं जहां बंदूकों तक आसान पहुंच हो?बराक ओबामा, अमेरिकी राष्ट्रपति
आखिर किसने चलाईं नाइट क्लब में अंधाधुंध गोलियां
इस घटना पर अब तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोली चलाने वाले शख्स की पहचान 29 वर्षीय उमर मतीन के रूप में की गई है और उसे फ्लोरिडा के फोर्ट पाएर्स का रहने वाला बताया गया है.
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक गोली चलाने वाले की पहचान की पुष्टि उसके रिश्तेदारों और प्रशासनिक अधिकारियों ने की है. वहीं, बीबीसी की रिपोर्ट कहती है कि गोलीबारी होने के लगभग तीन घंटे बाद पुलिस पल्स इस क्लब में पहुंची और उसने हमलावर को मार गिराया. हमलावर ने 30 लोगों को बंधक बना रखा था.
वहीं, इस हमलावर को समलैंगिकों के प्रति घृणा का भाव रखने वाला शख्स बताया जा रहा है. हमलावर के पिता ने अपने बेटे से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया जिसमें हमलावर एक समलैंगिक जोड़े को किस करता देख असहज हो गया था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थिति को बताया गंभीर
नाइट क्लब में मौजूद इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने गोलीबारी के बाद की स्थिति को गंभीर रूप से अराजकता से भरा हुआ बताया है. गोलीबारी में कई लोगों के घायल होने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
पार्किंग में हर जगह शव ही शव थे. पुलिस लोगों को लाल और पीले रंग में टैग कर रही थी, ताकि यह पता करने में आसानी हो सके कि किसकी पहले मदद करनी है. पैंट नीचे थी, कमीजें बाहर निकली हुई थी. गोली कहां लगी है, इसका पता लगाया जा रहा था. हर जगह खून ही खून था.प्रत्यक्षदर्शी, ऑरलैंडो गोलीबारी घटना
वर्ष 2015 में अमेरिका में गोलीबारी की ऐसी घटनाएं जिनमें चार या उससे अधिक लोग मारे गए या घायल हुए 372 हुई थीं. उनमें कुल 475 लोगों की मौत हुई और 1870 घायल हुए थे.
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