अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान शांति वार्ता रद्द करने का ऐलान किया है. काबुल में कार बम धमाके में 12 लोगों की मौत के बाद तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. इसके बाद ही ट्रंप ने शांति वार्ता भंग करने का ऐलान कर दिया. इस हमले में एक अमेरिकी सैनिक की भी मौत हो गई थी.
‘तालिबान ने हालात बदतर कर दिए हैं’
ट्रंप ने इस मामले को लेकर एक के बाद कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा- मैंने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ अपनी गुप्त मीटिंग रद्द कर दी है. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ भी उनकी एक मीटिंग कैंप डेविड में होने वाली थी. इसे भी रद्द कर दिया है.
ट्रंप ने लिखा किसी को इस बात का पता नहीं था कि तालिबान के प्रमुख नेता और अशरफ गनी अलग-अलग उनसे मुलाकात करने अमेरिका आ रहे थे. लेकिन दुर्भाग्य से तालिबान ने गलत फायदा उठाने के लिए हमारे एक महान सैनिक और 11 लोगों को मार डाला.इसके बाद मैंने मीटिंग कैंसिल कर दी. साथ ही शांति वार्ता भी रद्द कर दी.
ट्रंप ने लिखा है, “उन्होंने स्थिति को और खराब कर दिया है. अगर वे इन महत्वपूर्ण शांति वार्ता के दौरान 12 निर्दोष लोगों को मार सकते हैं, तो शायद एक सार्थक समझौते पर बातचीत करने की वो ताकत नहीं रखते हैं.
इस सप्ताह जताई गई थी समझौते की उम्मीद
इस सप्ताह की शुरुआती में अफगानिस्तान पर बातचीत में अमेरिकी प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान में मौजूद 5 हजार अमेरिकी सैनिकों की सिद्धांत रूप से राजी हो गया है. अमेरिका न यह सहमति तालिबान की इस गांटी पर दी है विदेश मेंआतंकी हमलों के लिए अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं होगा.
गुरुवार को काबुल के राजनयिक क्षेत्र में तालिबान के एक फिदायीन ने कार बम से विस्फोट कर दिया जिसमें अमेरिका और रोमानिया के एक-एक सैनिक की मौत हो गई और अफगानिस्तान के कम से कम 10 आम लोगों की जान चली गई. इस राजनयिक क्षेत्र में अमेरिकी दूतावास भी है. इस हफ्ते यह दूसरा हमला था.
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