अमेरिका के राष्ट्रपति यूं तो चुनाव जीतने से पहले भी विवादों में रहा करते थे. लेकिन अब बात विवादों से आगे बढ़ चुकी है. रिपब्लिकन पार्टी के अंदर ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आवाजें उठने लगी है.
इस बार आरोप है कि ट्रंप ने खुफिया सूचनाएं लीक की हैं. दरअसल, वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने सीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़ी 'बेहद गोपनीय सूचना' लीक की हैं.
आरोप लग रहे हैं कि ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिका में रूस के राजदूत सर्गेई किसलियक के साथ ये सूचनाएं लीक कर दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि इस कथित लीक से इजरायल के आईएस के बीच भेजे गए जासूसों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है.
जॉन मैक्केन ने बताया वाटरगेट कांड जैसा घोटाला
ऐसे गंभीर आरोप लगने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर आलोचक और रिपब्लिक पार्टी के नेता जॉन मैक्केन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन में हो रहे घोटाले वाटरगेट कांड के स्तर तक पहुंच रहे हैं. बता दें कि वाटरगेट कांड के सामने आने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पद से हाथ धोना पड़ा था.
सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमिटी के अध्यक्ष सीनेटर मैक्केन ने मंगलवार को एक रिपब्लिकन समारोह में कहा,
मुझे लगता है कि हमने ये फिल्म पहले देखी है. ये एक ऐसे बिंदू पर पहुंच चुका है, जहां इसका आकार और स्तर वाटरगेट घोटाले जितना लगता है. हर दूसरे दिन कोई नया पहलू सामने आता है.
डेली बीस्ट ने मैक्केन के हवाले से कहा,
मैं इस व्यक्ति (रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव) को 30 साल से जानता हूं. लावरोव को ओवल ऑफिस में बुलाना और उस शख्स के साथ दोस्ती स्वीकार नहीं है, जिसके बॉस ने अलेप्पो के अस्पतालों पर हमला करने के लिए हथियारों वाला विमान भेजा.
मैक्केन के अलावा भी कई दूसरे रिपब्लिकन सांसदों ने इस मामले में ट्रंप पर आपत्ति जताई है.
विवाद बढ़ता देख ट्रंप ने रूस के साथ आतंकवाद विरोधी सूचना साझा करने के अपने अधिकारों का बचाव किया है. ट्रंप ने कहा कि आंतकवाद और आईएस के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए रूस के साथ जानकारी साझा करना उनके अधिकार क्षेत्र में है.
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या यह बहुत गोपनीय सूचना थी या नहीं.
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप पर लगे कई आरोप
राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रंप पर कई आरोप लग चुके हैं. ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही एफबीआई डायरेक्टर जेम्म कोमी को पद से हटा दिया था. इस पर अमेरिका में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में बर्खास्त किए गए एफबीआई डायरेक्टर को उनके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक फ्लिन और रुस के बीच संबंधों की जांच रोकने के लिए कहा था.
बता दें कि कोमी को अचानक ही ऐसे समय में पद से हटा दिया गया था, जब वो ट्रंप के चुनावी अभियान और अमेरिकी चुनाव में कथित रूसी दखल के बीच के संबंध की जांच कर रहे थे.
इन आरोपों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को भी धमकी दे डाली थी, ट्रंप ने कुछ दिन पहले अपने एक ट्वीट में कहा था-
फेक मीडिया आजकल ओवर टाइम कर रही है.
शायद ये बेहतर होगा कि आगे से सारी प्रेस ब्रीफिंग्स को रद्द कर दिया जाए और एक्युरेसी को ध्यान में रखते हुए लिखित जवाब दिया जाए ???डॉनल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका
ट्रंप हमेशा से ये आरोप लगाते रहे हैं कि मीडिया तोड़-मरोड़ कर खबरों को पेश कर रहा है. ऐसे में पार्टी के अंदर और बाहर उठते सवालों के बीच ट्रंप की रणनीति ही बतौर राष्ट्रपति उनका भविष्य तय करेगी.
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