अमेरिका ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. पाक को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर या 21 अरब 30 करोड़ रुपये की मदद को अमेरिका ने रोक दिया है. मदद रोकने का कारण पाकिस्तान की मिलिटेंसी रोकनें में नाकामयाबी को बताया गया है.
रॉयटर्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के आतंकियों को सेफ हेवन उपलब्ध करवाता है. हांलांकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इंकार किया है.
पाकिस्तान को यह फंड गठबंधन सपोर्ट फंड (सीएसएफ) के तहत दिया जाना था. रॉयटर्स को एक यूएस अधिकारी ने बताया कि डिफेंस सेक्रेटरी जिम मैटिस, पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की स्थिति में यह फंड देना था. लेकिन अब उन्होंने फंड देने से इंकार कर दिया है.
पाकिस्तान की साउथ एशिया स्ट्रेटजी में अक्षमता के कारण 300 मिलियन यूएस डॉलर के फंड को डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने दूसरी आपात स्थितियों से निपटने के लिए रिप्रोग्राम किया है.कोन फॉकनर, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रवक्ता
ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद से ही पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता जा रहा है. पहले भी ट्रंप अपने बयानों में पाकिस्तान को निशाने पर लेते रहे हैं. ताजा फैसले से साफ है कि अब अमेरिका, पाकिस्तान से जमीन पर सभी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई चाहता है. फॉकनर के मुताबिक, ‘अमेरिका लागातार पाकिस्तान को सभी आतंकी संगठनों में बिना भेदभाव किए कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाता रहेगा.’
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