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UK-USA में ‘रिस्क फैक्टर’ के आधार पर कोरोना वैक्सीन, पूरा ब्योरा

फिलहाल युवाओं और बच्चों को नहीं मिलेगी कोरोना वैक्सीन

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कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर पहली अच्छी खबर आई, जिसमें बताया गया कि यूके पहला ऐसा देश बना है जिसने कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. अगले हफ्ते से यूके में लोगों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन का टीका लगना भी शुरू हो जाएगा. अब ब्रिटिश सरकार ने वैक्सीन सप्लाई के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसमें बताया गया है कि सबसे पहले वैक्सीन का टीका किसे लगाया जाएगा.

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इस डीटेल्ड गाइडलाइन में ये भी बताया गया है कि लोगों को वैक्सीन की दो डोज दी जाएंगी. जिन्हें 21 दिन के भीतर लगाना होगा. साथ ही बताया गया है कि सभी उम्र के लोगों पर वैक्सीन 95 फीसद तक कारगर है. ये बात पहले भी फाइजर-बायोएनटेक बता चुके हैं.

लेकिन सबसे जरूरी बात प्राथमिकता की है. यानी वो लोग जिन्हें सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन मिलेगी. हर देश की तरह ब्रिटेन ने भी बुजुर्गों को अपनी पहली प्राथमिकता पर रखा है. जानिए प्राथमिकता के आधार पर कन्हें मिलेगी कोरोना वैक्सीन-

इस तरह से लगेगा वैक्सीन का टीका

  1. बुजुर्गों के लिए केयर होम में रहने वाले लोग और वहां काम करने वाले लोग
  2. वो सभी लोग जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है और हेल्थ-सोशल केयर वर्कर्स
  3. वो सभी लोग जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है
  4. 70 साल या उससे ज्यादा की उम्र वाले लोग और ऐसी बीमारी से ग्रसित जिन्हें ज्यादा खतरा हो (प्रेग्नेंट महिला और 18 साल से कम उम्र के लोग शामिल नहीं)
  5. 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग
  6. 18 साल से लेकर 65 साल के वो लोग जो हाई रिस्क ग्रुप में आते हों
  7. वो सभी लोग जिनकी उम्र 60 साल से अधिक हो
  8. 55 साल से ज्यादा उम्र के लोग
  9. 50 साल की उम्र से ज्यादा वाले लोग
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लेकिन ब्रिटेन ने भी साफ कर दिया है कि हर शख्स को कोरोना वैक्सीन नहीं दी जाएगी. यानी बच्चों और युवाओं को वैक्सीन का टीका फिलहाल नहीं लगने वाला है. अगर आपकी उम्र 50 साल से नीचे है और आप बिल्कुल स्वस्थ हैं तो ऐसे में आपको कोरोना वैक्सीन नहीं दी जाएगी.

अमेरिका में सीडीसी पैनल का सुझाव

यूके की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) पैनल ने भी इसके टीकाकरण को लेकर सुझाव दिए हैं. यूके की ही तरह सीडीसी ने भी बताया है कि अमेरिका में सबसे पहले नर्सिंग होम में काम करने वाले रेजिडेंट्स और कर्मचारियों को सबसे पहले टीका लगाया जाना चाहिए. इसके साथ ही हेल्थ केयर वर्कर्स को भी वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर मिलनी चाहिए. हालांकि पैनल के इन सुझावों पर अब तक आखिरी मुहर लगना बाकी है. अमेरिका भी कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर एक डीटेल्ड गाइडलाइन जारी करेगा.

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भारत में भी जारी होगी गाइडलाइन

ठीक इसी तरह कोरोना वैक्सीन को लेकर अन्य देशों में भी तैयारियां चल रही हैं. भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि अगले हफ्ते तक एक गाइडलाइन जारी होगी. जिसमें ठीक इसी तरह बताया जाएगा कि किसे और कैसे वैक्सीन की डोज दी जाएगी.

भारत में अब तक लोगों को यही लग रहा था कि देश के हर शख्स को वैक्सीन का टीका मिलेगा, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि सभी को वैक्सीन नहीं मिलेगी. इसके लिए एक टारगेटेड ग्रुप को चुना जाएगा और संक्रमण की चेन तोड़ने पर फोकस रहेगा.
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कैसे तय होंगे वैक्सीन के दाम?

अब भारत में जब ये साफ हो चुका है कि कोरोना वैक्सीन सिर्फ उन्हें ही दी जाएगी, जिन्हें इसकी जरूरत है, तो ऐसे में अब प्राइवेट सेक्टर के रोल को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए और उन पर भरोसा किया जाना चाहिए. फाइजर के दो डोज का दाम अमेरिका में 40 डॉलर है. अब भारत के हिसाब से ये काफी महंगा होगा, लेकिन सरकार इसमें सब्सिडी भी देगी. सरकार को चाहिए कि इस पूरी प्रक्रिया को सुलभ बनाने पर अपना पूरा फोकस रखे. हालांकि अब तक ये साफ नहीं है कि क्या कोरोना का टीका लोग खुद खरीदकर लगवा सकते हैं या फिर नहीं. इसके लिए सरकार आगे गाइडलाइन जारी कर सकती है.

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