ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकिंग की बात सामने आने के बाद 35 रूसी अधिकारियों को 72 घंटे के अंदर अमेरिका छोड़ने का आदेश दे दिया है. रूस ने भी इसके तुरंत बाद 28 अमेरिकी संस्कृति शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है. इसके साथ ही सेंट्स पीट्सबर्ग में नए काउंसलर ऑफिस के निर्माण कार्य को बंद करा दिया है.
ओबामा प्रशासन का रूस को जवाब
बराक ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकिंग मामले में कड़ा कदम उठाया है. ओबामा प्रशासन ने 35 रूसी राजनयिकों को प्रतिकूल ढंग से काम करने की वजह से अस्वीकार्य घोषित कर दिया है. इसके साथ ही न्यू यॉर्क और मैरीलैंड में दो रूसी ठिकानों को भी बंद कर दिया है. मैरीलैंड में बना 45 एकड़ के रूसी कॉम्पलेक्स में टेनिस कोर्ट, स्विमिंग पूल के साथ-साथ रूसी अधिकारियों के लिए रहने का इंतजाम है.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इन ठिकानों का इंटेलिजेंस गतिविधियों में प्रयोग किया जा रहा था. हालांकि, इन ठिकानों के हैकिंग से जुड़े होने से जुड़ी कोई जानकारी देने से इनकार किया.
बराक ओबामा ने कहा है कि रूसी अधिकारियों को देश से बाहर निकालना और दो ठिकानों को बंद करना काफी नहीं है. हैकिंग मामले में हम लगातार रूस के खिलाफ कदम उठाते रहेंगे. इनमें से कुछ कदमों के बारे में किसी को बताया नहीं जाएगा.
अमेरिकी जांच एजेंसियां इससे पहले भी साफ कर चुकी हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की हैकिंग में पुतिन प्रशासन ने सीधी भूमिका निभाई. हालांकि, अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एजेंसियों के इस निष्कर्ष को हास्यास्पद बताया है.
रूस ने कहा - करारा जवाब मिलेगा
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा है कि ओबामा प्रशासन द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम तीन हफ्तों में ये कदम उठाना सिर्फ दो तरफ इशारा करता है. उन्होंने कहा कि इसका पहला मकसद रूस और अमेरिका के बीच पहले से खराब रिश्तों को और खराब करना है. इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति को नुकसान पहुंचाना दूसरा मकसद हो सकता है.
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