अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 6 मुस्लिम देशों से आने वाले लोगों और शरणार्थियों के लिए अस्थाई यात्रा प्रतिबंध का आदेश सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद लागू हो गया है.
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अस्थाई प्रतिबंध आतंकवादियों को देश में घुसने से रोकने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ लोगों का आरोप है कि यह अवैध तरीके से केवल मुस्लिमों को निशाना बनाना है.
ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले लोगों के लिए 90 दिन के प्रतिबंध और शरणार्थियों के लिए 120 दिन के प्रतिबंध में केवल उन ही लोगों को छूट मिलेगी जिनके रिश्तेदार अमेरिका में रहते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार की ओर दी गई छूट बेहद सीमित है. यह यात्रा प्रतिबंध गुरुवार की शाम आठ बजे से लागू हो गया.
हालांकि मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिबंध लागू होने से पहले जिन लोगों वीजा जारी कर दिया गया है, उन्हें यात्रा करने दिया जाएगा. इसके साथ ही उन शरणार्थियों को भी कोई दिक्कत नहीं है, जिन्हें छह जुलाई से पहले यहां आने की मंजूरी दी गई थी.
आतंकवाद से बचने के लिए जरूरी है प्रतिबंध
ट्रंप प्रशासन यात्रा प्रतिबंध को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए जरूरी मान रहा है. साथ ही इससे यात्रियों और शरणार्थियों की जांच को मजबूत करने के लिए अधिकारियों को और ज्यादा वक्त मिल सकेगा.
हाल ही में हुई घटनाएं ये दिखाती हैं कि हम बेहद खतरनाक वक्त में रह रहे हैं और अमेरिकी सरकार को आतंकवादियों को देश में घुसने से रोकने, हिंसा और खूनखराबे को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे.वरिष्ठ अधिकारी, ट्रंप प्रशासन
आव्रजन अधिकार समूहों और डेमोक्रेटिक सदस्यों ने ट्रंप के इस आदेश को 'अवैध' करार दिया है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में जो छूट दी है वह अनुचित है.
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