कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. ऐसे में पाकिस्तान से फैल रहे इन आतंकी संगठनों पर लगाम कसने की मुहिम में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है.
बता दें कि करीब दो महीने पहले इस संगठन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका की तरफ से ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया था.
क्या है इस फैसले के मायने?
आतंकी समूह घोषित होने के बाद हिजबुल मुजाहिदीन पर अमेरिका की तरफ से कई तरह के प्रतिबंध होंगे. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा,
हिज्बुल मुजाहिदीन को आतंकी हमले करने के लिए संसाधनों से उपेक्षित करने के प्रयास के तहत उसे आतंकी समूह घोषित किया गया है.
इस फैसले के बाद अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली हिजबुल की सभी संपत्तियों और संपत्ति से जुड़े उसके हितों पर रोक लग जाएगी. साथ ह अमेरिका का कोई भी शख्स इस समूह के साथ किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेगा.
1989 में सक्रिय हुआ था ये संगठन
हिजबुल मुजाहिदीन कश्मीर के सबसे बड़े आतंकी संगठनों में से एक है. इस आतंकी संगठन का हेडक्वॉर्टर PoK के मुजफ्फराबाद में है. घाटी में साल 1989 में ये संगठन सक्रिय हुआ.
साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक ISI ने हिजबुल मुजाहिदीन को एक और आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) को काउंटर करने के लिए शुरू किया. JKLF के भी कई आतंकी बाद में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गए. इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान समेत कई जगहों से आतंक के लिए फंडिंग मिलती है.
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