अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना एनुअल स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन दिया. जिसमें उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे. जिसमें ट्रंप ने कहा कि बदला लेने की भावना वाली राजनीति नहीं करनी चाहिए. इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने अपने संबोधन में शांत और कानून का भी जिक्र किया.
अमेरिका वैध तरीके से ही आना होगा
ट्रंप ने कहा कि जहां शांति और कानून व्यवस्था होती है वहां हिंसा या फिर युद्ध जैसे हालात नहीं आ सकते हैं. उन्होंने कहा, अमेरिका में जो लोग वैध माइग्रेशन के तरीके से आते हैं उनका मैं स्वागत करता हूं. मैं चाहता हूं कि लोग यहां आएं, लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए सही तरीका ही अपनाना होगा. अपने नागरिकों की जिंदगी और नौकरियों की रक्षा करने के लिए एक सख्त माइग्रेशन प्रणाली बनाना हमारा नैतिक कर्तव्य है.
चीन पर साधा निशाना
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन में चीन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा, हम बताना चाहते हैं कि चीन कई सालों से हमारी इंडस्ट्रीज को टारगेट कर रहा है. अमेरिका की नौकरियों को निशाना बनाया जा रहा है, अब इसे खत्म करना जरूरी है. हमने चीन के सामा पर टैरिफ लगाया, जिसका हमें काफी फायदा हुआ. उन्होंने कहा कि मैं चीन पर फायदा उठाने का आरोप नहीं लगा रहा हूं, बल्कि हमारे नेताओं और प्रतिनिधियों पर आरोप लगा रहा हूं, जिन्होंने ऐसा होने दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि ईरान में कट्टरपंथी शासन है, जो कुछ भी करने से पहले सोचता नहीं है. इसी खतरे को देखते हुए ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया
किम जोंग से दोबारा मुलाकात
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का नाम लिया. लेकिन इस बार भी उन्होंने दोस्ती का संदेश देते हुए कहा कि हम दोनों के रिश्ते काफी अच्छे हैं. ट्रंप ने कहा, अभी बहुत काम होने बाकी हैं. मेरे और किम जोंग उन के रिलेशन काफी अच्छे हैं. हम दोनों एक बार फिर 27 और 28 फरवरी को वियतनाम में मुलाकात करेंगे.
क्या है स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन
स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन अमेरिका में हर साल राष्ट्रपति की तरफ से दिया जाता है. इस दौरान राष्ट्रपति देश को कई अहम मुद्दों पर संदेश देते हैं. इसके लिए यूनाइटेड स्टेट कांग्रेस में एक जॉइंट सेशन होता है. ऑफिस के हर कैलेंडर ईयर की शुरुआत में यह संबोधन दिया जाता है. इसमें राष्ट्रपति देश के इकनॉमिक मुद्दों, कई अहम योजनाओं और अपनी पार्टी के एजेंडे आदि के बारे में बात करते हैं.
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