अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत समेत कई एशियाई देशों को चीन से बढ़ते खतरे का जिक्र किया है और इसे ध्यान में रखकर दुनियाभर में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की समीक्षा की बात कही है.
पोम्पियो ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका अपने सैनिकों को इस तरह तैनात कर रहा है कि वे जरूरत पड़ने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का मुकाबला कर सकें. उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह बात कही.
पोम्पिओ ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि हमारी तैनाती ऐसी हो कि पीएलए (चीनी सेना) का मुकाबला किया जा सके. हमें लगता है कि यह हमारे समय की चुनौती है, और हम सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि हमारे पास इससे निपटने के लिए सभी संसाधन (उचित) जगह पर मौजूद हों.’’
पोम्पियो ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर सैनिकों की तैनाती की समीक्षा की जा रही है और इसी के तहत अमेरिका, जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या करीब 52 हजार से घटाकर 25 हजार कर रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘कुछ जगहों पर अमेरिकी संसाधन कम रहेंगे. कुछ बाकी जगह भी होंगी- मैंने अभी चीइनीज कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे की बात कही, अब भारत को खतरा, वियतनाम को खतरा, मलेशिया, इंडोनेशिया को खतरा, दक्षिण चीन सागर की चुनौतियां हैं.’’
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