वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने अपने देश में लिए गए नोटबंदी के फैसले को एक हफ्ते के भीतर वापस ले लिया है. राष्ट्रपति ने नोटबंदी के फैसले के फेल होने का जिम्मेदार विदेशी ताकतों को ठहराया है. नोटबंदी को फिलहाल दो जनवरी तक के लिए स्थगित किया गया है.
सरकार के मुताबिक नोटों से भरे हवाई जहाज अपनी जगह पर नहीं पहुंच पाए और स्थिति बेकाबू हो गई. तकरीबन एक हफ्ते जनता बैंको के बाहर खड़ी रही.परेशान लोगों ने देश में हंगामे शुरु कर दिए, कई दुकानें लूटी और जगह-जगह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किए.
करेंसी बदलने के लिए दिए सिर्फ 72 घंटे
वेनेजुएला सरकार ने 12 दिसंबर को वेनेजुएला की सबसे बड़ी करेंसी 100 बोलिवर को तत्काल रूप से प्रतिबंधित कर दिया था. पुरानी करेंसी को बदलने के लिए सरकार ने लोगों को मात्र 72 घंटों की मोहलत दी थी, हालांकि बाद में इसे बड़ा भी दिया गया था.
100 बोलिवर के नोट पर रोक लगाकर 500, 2000 और 20,000 बोलिवर के नोट अर्थव्यवस्था में जारी किए गए थे.
माफियाओं के कारण की थी नोटबंदी
वेनेजुएला सरकार ने करेंसी को प्रतिबंधित करने का कदम सीमापार कोलंबिया में माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से करेंसी का इकट्टा किए जाने के कारण उठाया था. इसके अलावा महंगाई का लगातार बढ़ना भी एक कारण था.
नोटबंदी के बाद राष्ट्रपति ने कोलंबिया की सभी सीमाओं को 72 घंटों के लिए बंद करने का आदेश भी दिया था. 100 बोलिवर की भारत में कीमत करीब 680 रुपये और अमेरिका में 10 डॉलर के बराबर हैं.
(इनपुट्स आईएएनएस से)
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