ईरान की राजधानी तेहरान के पास शुक्रवार को हुए एक हमले में देश के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की मौत हो गई. बीबीसी के मुताबिक, दमावंद काउंटी के अबसार्ड में एक हमले के बाद फखरीजादेह की अस्पताल में मौत हो गई.
ईरान में समृद्ध यूरेनियम की बढ़ती मात्रा के बारे में ताजा चिंता के बीच फखरीजादेह की हत्या की खबर आई है. बता दें कि सिविल परमाणु ऊर्जा उत्पादन और सैन्य परमाणु हथियार दोनों के लिए समृद्ध यूरेनियम एक अहम घटक है. हालांकि ईरान जोर देकर अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण मकसद के लिए बताता आया है.
कौन थे फखरीजादेह?
मोहसिन फखरीजादेह जानेमाने ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और एलीट इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के वरिष्ठ अधिकारी थे.
पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि गुप्त ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के पीछे फखरीजादेह का बड़ा हाथ था. अल जजीरा के मुताबिक, वह हाई सिक्योरिटी की छाया में रहते थे और उन्हें कभी भी संयुक्त राष्ट्र के परमाणु जांचकर्ताओं को उपलब्ध नहीं कराया गया था.
मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रजेंटेशन में फखरीजादेह के नाम का विशेष रूप से जिक्र किया गया था.
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 में इजराइल को मिले गुप्त दस्तावेजों के मुताबिक, फखरीजादेह ने परमाणु हथियार बनाने के लिए एक कार्यक्रम का नेतृत्व किया था.
उस समय, नेतन्याहू ने कहा था कि उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य वैज्ञानिक के रूप में फखरीजादेह की पहचान की है, और लोगों से "इस नाम को याद रखने" का अनुरोध किया था.
कहा यह भी जाता है कि फिजिक्स के प्रोफेसर, फखरीजादेह ने प्रोजेक्ट Amad की अगुवाई की थी, जो कथित तौर पर परमाणु बम बनाने की क्षमता की रिसर्च करने के लिए 1989 में गुप्त रूप से स्थापित किया गया था.
IAEA (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी) ने बताया था कि यह प्रोजेक्ट 2003 में बंद हो गया था. हालांकि नेतन्याहू ने कहा था कि 2018 में मिले दस्तावेजों से पता चला था कि गुप्त रूप से प्रोजेक्ट Amad के काम को जारी रखने के लिए फखरीजादेह एक कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे थे.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, एक पश्चिमी राजनयिक ने 2014 में मीडिया से कहा था, "अगर ईरान ने कभी हथियार (संवर्धन) को चुना, तो फखरीजादेह को ईरानी परमाणु बम के फादर के रूप में जाना जाएगा."
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