इराक की राजधानी बगदाद में हुई अमेरिकी एयरस्ट्राइक में ईरानी कुद्स फोर्स के हेड जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है. व्हाइट हाउस ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया है कि इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देशों पर अंजाम दिया गया है. जनरल सुलेमानी की मौत ईरान के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है.
बीबीसी के मुताबिक, सुलेमानी साल 1998 से ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की यूनिट कद्स फोर्स की अगुवाई कर रहे थे. यह फोर्स मुख्य तौर पर विदेश में गुप्त ऑपरेशन चलाती थी.
ईरान ने सीरिया में कद्स फोर्स की भूमिका स्वीकार की है, जहां इसने राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थन वाली फोर्सेज की मदद की है. इसके अलावा ईरान ने इराक में भी कद्स फोर्स की भूमिका स्वीकारी है, जहां इस फोर्स ने आतंकी संगठन आईएस के खिलाफ शियाओं की अगुवाई वाले पैरामिलिट्री फोर्सेज की मदद की.
इन लड़ाइयों में कद्स फोर्स की भूमिका से ईरान में जनरल सुलेमानी की लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी.
साल 2018 में जारी ईरानपोल और मैरीलैंड यूनिवर्सिटी की तरफ से कराए गए एक सर्वे में सुलेमानी की लोकप्रियता रेटिंग 83 फीसदी थी, जो राष्ट्रपति हसन रूहानी और विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ से भी ज्यादा थी.
सुलेमानी के मारे जाने की कई बार अफवाहें भी उड़ी थीं
- साल 2006 में एक विमान क्रैश होने के दौरान, जब उत्तर पश्चिमी ईरान में कई सैन्य अधिकारी मारे गए थे
- सीरिया की राजधानी दमिश्क में साल 2012 में हुई बमबारी के बाद, जिसमें असद के कई शीर्ष सहयोगी मारे गए थे
- नवंबर 2015 में सीरिया के अलेप्पो में असद के समर्थन वाली फोर्सेज की अगुवाई के दौरान
लेबनान के हिजबुल्ला और फिलिस्तीनी हमास सहित मिलिशिया ग्रुप्स के साथ ईरान के संबंधों में पश्चिमी देशों के नेता सुलेमानी की अहम भूमिका मानते थे.
सुलेमानी को लेकर अमेरिका ने क्या कहा?
व्हाइट हाउस ने ट्वीट कर कहा है कि जनरल सुलेमानी इराक और पूरे क्षेत्र में अमेरिकी राजनयिकों और सर्विस मेंबर्स पर हमले की योजना बना रहे थे.''
वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ''जनरल सुलेमानी और उनका कुद्स फोर्स सैकड़ों अमेरिकियों और बाकी गठबंधन सहयोगियों के सदस्यों की मौत और हजारों को जख्मी करने के लिए जिम्मेदार थे.''
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