- 3 बार प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द होने के बाद शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हुए डॉ. जाकिर नाइक.
- सऊदी अरब के मदीना शहर में बैठकर इंडियन मीडिया से डॉ. जाकिर नाइक ने बात की.
- डॉ. नाइक पर भड़काऊ भाषण देने का है आरोप, जिसके जरिए कथित तौर पर उन्होंने बांग्लादेशी आतंकियों को ढाका में हमला करने के लिए उकसाया.
- मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कंप्लीट करने वाली है, जबकि नाइक ने कहा कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं.
भड़काऊ भाषणों को लेकर विवादों में घिरे इस्लामिक धर्म प्रचारक और उपदेशक डॉक्टर जाकिर नाइक ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. नाइक ने कहा कि वे बेकसूर हैं, उनका मीडिया ट्रायल हो रहा है.
सऊदी अरब के मदीना शहर में मौजूद डॉ. नाइक ने स्काइप वीडियो कॉल के जरिए मुंबई के मजगांव इलाके में इंडियन मीडिया से बात की.
जाकिर नाइक पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने भाषणों से बांग्लादेश के ढाका हमले में शामिल आतंकियों को हमला करने के लिए प्रेरित किया था. नाइक ने इन आरोपों पर सफाई पेश की.
नाइक ने कहा...
- महज एक टीवी रिपोर्ट के आधार पर मुझपर सारे आरोप लगाए गए. उसके बाद इस मामले में मीडिया ट्रायल चलाया गया. इससे बचा जा सकता था.
- मैंने अपनी जानकारी के मुताबिक, कभी भी लोगों को आतंक के लिए प्रेरित नहीं किया. जिन्हें भड़काऊ भाषण बताया गया, वे मेरे शो के बीच के हिस्से थे, जिन्हें बिना संदर्भ के चलाया गया और उनका गलत मतलब निकालकर लोगों को बताया गया.
- यह सारा मामला कुछ टीवी चैनलों का खड़ा किया हुआ है. उन्होंने लोगों को भटकाने की कोशिश की.
- हम मानते हैं कि बिना किसी एजेंडे के काम कर रहे सच्चे पत्रकार ही हमारी बात सुन सकते हैं. मुझे बिना रोकटोक बोलने दिया जाए, तो मैं अर्नब गोस्वामी से बहस करने को तैयार हूं. (टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी के डिबेट चैलेंज के जवाब में)
- मैं खुद को इस्लाम का शांति दूत मानता हूं. मैंने कभी भी किसी की हत्या को वाजिब नहीं ठहराया. मैंने हमेशा कहा कि सुसाइड बॉम्बिंग इस्लाम में हराम है. केवल युद्ध क्षेत्र में सुसाइड बोमबिंग को मैंने वाजिब बताया.
- मेरे फॉलोवर्स का एक बड़ा सर्कल है. मैं रोज नए लोगों से मिलता हूं. उनसे हाथ मिलाता हूं. उनसे मिलते वक्त मैं कैसे पता लगा सकता हूं कि उनमें कौन आतंकी है? (आतंकियों से संबंध होने के सवाल का जवाब देते हुए)
- मैंने ओसामा बिन लादेन पर रिसर्च नहीं की. मैं उसे आतंकी कैसे मान लूं.
- मेरा चैनल पीस टीवी पूरी तरह से लीगल है और वो सिर्फ धर्म प्रचार के लिए काम करता है. भारत सरकार ने मेरे चैनल को सिर्फ इसलिए रोक दिया, क्योंकि वह एक मुस्लिम चैनल है.
इसके अलावा सरकार की कुछ टेक्नीकल समस्याएं थीं, जिनके चलते मेरे चैनल का प्रसारण रोका गया.
- पीस टीवी को पूरी दुनिया में आधिकारिक तौर पर सिर्फ बांग्लादेश में ही बैन किया गया है.
- फिर भी मुझे इंडियन पुलिस और सरकार से कोई समस्या नहीं है. मैं जांच में हर किस्म का सहयोग करने को तैयार हूं.
- पायरेसी करने वालों को रोकने के लिए सरकार ज़िम्मेदार है, मैं नहीं. (गैरकानूनी तरीके से पीस टीवी दिखाए जाने के आरोप पर जवाब देते हुए)
- मैं एनआरआई (NRI) हूं. मैं साल में कुछ ही दिनों के लिए भारत आता हूं. जिन्हें इसका नहीं पता, वो सोचते हैं कि मैं भाग रहा हूं या फिर डर रहा हूं.
पर क्या वाकई भारतीय मुस्लिमों की हालात समझते हैं नाइक?
भारत में मुसलामानों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति क्या है, इस बारे में ज़ाकिर नाइक ने बात करने से साफ इंकार कर दिया. साथ ही मुसलमानों के रोजगार समेत बुनियादी सवालों पर नाइक ने जवाब देने से मना कर दिया.
प्रचार करना नहीं भूले नाइक
कुछ टेक्निकल कारणों से नाइक की प्रेस वार्ता अपने तय वक्त से काफी देर बाद शुरू हुई. इस बीच नाइक के समर्थकों ने इवेंट में मौजूद पत्रकारों को उनके जीवन पर समर्पित 230 पन्ने की एक किताब भेंट की.
3 बार रद्द हो चुकी थी प्रेस कॉन्फेंस
इससे पहले 3 बार डॉ. नाइक की प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द की जा चुकी थी. पहले ये बताया गया था कि जाकिर नाइक 11 जुलाई को भारत आएंगे और 12 जुलाई को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. लेकिन वो वार्ता रद्द कर दी गई.
फिर कहा गया कि 14 जुलाई की सुबह साढे़ 11 बजे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में डॉ. नाइक की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, लेकिन इसे भी रद्द कर दिया गया.
इसके बाद डॉ. नाइक की संस्था से जुड़े लोगों ने बताया था कि मुंबई के होटलों ने उन्हें जगह देने से मना कर दिया.
कंप्लीट होने वाली है नाइक मामले की जांच
बहरहाल, मुंबई पुलिस जाकिर नाइक के भाषणों की जांच खत्म करने वाली है. अगले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पुलिस अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है.
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