केंद्र सरकार के सरोगेसी ड्राफ्ट बिल पर क्विंट हिंदी रिपोर्टर मुस्कान शर्मा के साथ लेखिका अपर्णा जैन की पूरी बातचीत आप इस साउंडक्लाउड में सुन सकते हैं.
OWN IT किताब की लेखिका और कॉलमनिस्ट अपर्णा जैन केंद्र सरकार के नए सरोगेसी ड्राफ्ट बिल से सहमत नहीं है. अपर्णा बताती हैं कि मोदी सरकार ने नए सरोगेसी ड्राफ्ट में सख्ती बरती है, हो सकता है सरकार का मकसद सरोगेसी के गलत इस्तेमाल को रोकना हो लेकिन सरकार का ड्राफ्ट इन समस्याओं का हल नहीं है.
अपर्णा हमारे ऑडियो इंटरव्यू में ये बताती हैं कि सरोगेसी को लेकर उन्होंने कई पॉजिटिव खबरें देखी और सुनी हैं लेकिन वो ये मानती हैं कि इस कानून का एक गलत चेहरा भी है. नए ड्राफ्ट पर सवाल उठाते हुए कहती हैं अगर आप बच्चे के बारे में सोच रहे हैं तो फिर गोद लेने के बाद भी तो सिंगल पेरेंट के साथ वही रिस्क होता है.
सरोगेसी के नए ड्राफ्ट में 5 साल तक शादी- शुदा होने की शर्त लगाना भी फायदेमंद नहीं लग रहा है.
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