ADVERTISEMENTREMOVE AD

तस्वीरों में: कोसी के घर, गांव, जमीन और जीवन

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

गांवों को हमने फिल्मों में देखा है, किताबों में देखा है. हममें से बहुतों ने खुद जाकर भी देखा होगा. हम गांव में रहें या न रहें, पर हमारी जड़ें अब भी वहीं हैं, आखिर गांवों का देश है भारत. एक अलग सोंधापन है गांवों की मिट्टी में, जो उसकी यादों को भी वही खुशबू दे जाता है.

नेपाल के रास्ते बिहार में घुसने वाली कोसी नदी के आसपास के इलाके की ये तस्वीरें सहरसा जिले की हैं.

एक ‘गरीब’ भारत की तस्वीेरें मालूम हो सकती हैं. हो सकता है ये तस्वीरें आपको इस इलाके में हर बरसात में आकर तबाही मचाने वाली कोसी की बाढ़ की भी याद दिला दें (इसीलिए कोसी को बिहार का शोक भी कहते हैं). बाढ़ प्रभावित इस जिले में अशिक्षा है, बेरोजगारी है, यातायात, स्वास्थ्य और शुद्ध पेयजल जैसी सुविधाओं का अभाव भी है, पर गरीबी या साधनहीनता सापेक्षिक (रिलेटिव) है. अगर हम मोडर्निटी और भौतिकवाद के चश्मे से देखें, तो ये तस्वीरें कुछ और कहेंगी और अगर सिर्फ इंसानी आखों से देखा जाए तो कुछ और.

ये तस्वीरें सिर्फ जीवन के एक अलग रूप को दिखा रही हैं, जो नगरों और महानगरों के जीवन से अलग है. यहां परेशानियां हैं, पर पर्व, त्‍योहार और मेले भी हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×