मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपना उपवास तोड़ दिया है. किसान आंदोलन को देखते हुए शांति बहाली के लिए शनिवार से शिवराज उपवास पर बैठे थे.
उन्होंने पार्टी नेताओं और किसानों के आग्रह पर अपना उपवास खत्म किया है. पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने उन्हें नारियल पानी पिलाकर उपवास तोड़वाया. इससे पहले शिवराज ने कहा कि वो राज्य की जनता और किसानों के लिए जिएंगे और उन्हें के लिए मरेंगे.
उन्होंने कहा कि वह किसानों को किसी तरह की समस्या नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों में से कई सिफारिशें सरकार पहले ही लागू कर चुकी है. शिवराज ने ये भी कहा कि समर्थन मूल्य के नीचे शिवराज कोई फसल नहीं खरीदेगा. अगर कोई खरीदने की कोशिश करेगा तो उसे अपराध माना जाएगा.
चौहान ने कहा-
कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रदेश के माहौल को खराब कर हिंसा फैलाई है, जिन्हें बख्शा नहीं जाएगा. इस कृत्य में कांग्रेस से जुड़े लोग भी शामिल रहे हैं. हिंसा के दौरान जिन लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ है, उन्हें प्रदेश सरकार मदद देगी.
किसान संगठनों की मांग
इससे पहले राष्ट्रीय किसान महासंघ ने मध्य प्रदेश सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है. महासंघ ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया.
महासंघ के अंतर्गत 62 किसान संगठन आते हैं. नरेंद्र मोदी सरकार की 'किसान विरोधी नीतियों' के खिलाफ आक्रोश जताने के लिए इन संगठनों ने 16 जून को देशभर के राजमार्गो पर तीन घंटे के लिए यातायात बंद करने का फैसला किया है.
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