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अखिलेश सरकार में बने साइकिल ट्रैक तुड़वाएगी योगी सरकार

करोड़ों रुपये की लागत से समाजवादी पार्टी ने बनवाए थे साइकिल ट्रैक 

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एंबुलेंस और सरकारी योजनाओं से 'समाजवादी' नाम हटाये जाने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब अखिलेश यादव सरकार में सड़क किनारे बनवाये गये साइकिल ट्रैक तुड़वायेगी.

अखिलेश सरकार ने इस साइकिल ट्रैक का खूब प्रचार-प्रसार किया था. 'साइकिल' समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है. सरकार के साइकिल ट्रैक हटवाने के पीछे कहीं न कहीं एक राजनीतिक संदेश भी छिपा है. यह साइकिल ट्रैक अखिलेश सरकार ने लखनऊ, कानपुर, नोएडा समेत कुछ अन्य बड़े शहरों में भी बनवाये थे. शहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना से जब पूछा गया कि क्या इन ट्रैक को हटाने के लिये कोई सर्वेक्षण किया गया है, तो उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई जनता की शिकायतों के आधार पर की जा रही है.

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बरेली से होगी साइकिल ट्रैक तोड़ने की शुरुआत

हम साइकिल ट्रैक हटा रहे हैं. क्योंकि बरेली में कुछ स्थानीय लोगों ने इस बारे में शिकायत की थी कि ट्रैक से यातायात बाधित हो रहा था. इसलिये हम इसे हटाने पर सहमत हो गये हैं. हम जनता की शिकायतों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं, जहां लोग इस ट्रैक की वजह से समस्याओं से जूझ रहे हैं और शिकायत कर रहे हैं, हम उनकी शिकायतों के निराकण के लिये इसे हटाने का फैसला ले रहे हैं.
सुरेश खन्ना, शहरी विकास मंत्री

खन्ना ने कहा, ''हम प्रदेश में उन जगहों पर साइकिल ट्रैक हटा रहे हैं, जिनका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है और जिनकी वजह से यातायात बाधित हो रहा है. ट्रैक हटाने का काम जल्द ही शुरु होगा. इस काम की शुरुआत बरेली से हो रही है.''

उनसे पूछा गया कि क्या ट्रैक हटाने की योजना राजधानी लखनऊ में भी है, इस पर मंत्री ने कहा लखनऊ में बना ट्रैक लोक निर्माण विभाग (पीडब्लयूडी) द्वारा बनाई गयी सड़कों पर है इसलिये जो भी फैसला लेना होगा वह पीडब्ल्यूडी विभाग ही लेगा.

करोड़ों रुपये की लागत से बने थे साइकिल ट्रैक

पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार ने लखनऊ, कानपुर, नोएडा, बरेली समेत अन्य बड़े शहरों में यह ट्रैक बनवाया था. इसके पीछे समाजवादी पार्टी सरकार का संदेश था कि इससे पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और लोगों की सेहत दुरुस्त रहेगी. हालांकि प्रदेश के कई शहरों में अब इन साइकिल ट्रैक पर अवैध पार्किंग होती है और ठेला दुकानदारों ने इन पर अतिक्रमण कर रखा है.

बरेली के सैटेलाइट इलाके में 850 मीटर का साइकिल ट्रैक है, जिसे बनवाने में करीब 6.48 करोड़ रुपये की लागत आई थी. इस ट्रैक पर अब ठेला दुकानदारों का कब्जा है और ऑटो रिक्शा के अलावा दूसरे वाहनों की पार्किंग होती है.

लखनऊ और नोएडा में 100 किलोमीटर का ट्रैक बनाया गया था. राजधानी लखनऊ में 31 करोड़ रुपये की लागत से बने 35 किलोमीटर के ट्रैक का उद्घाटन अखिलेश यादव ने साल 2015 में किया था.

योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार द्वारा शुरु की गयी योजनाओं की समीक्षा शुरु कर दी है. योगी सरकार ने अखिलेश सरकार की समाजवादी एम्बुलेंस योजना से समाजवादी शब्द हटा दिया था. इसी तरह पेंशन योजना से भी समाजवादी शब्द हटा दिया गया है.

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