देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद के शपथ लेने के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनके पहले ही संबोधन पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम नहीं लिया. उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवाल पर बीजेपी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का बचाव किया है. बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस को हर बात पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
संबोधन में नेहरू-इंदिरा का नाम न लिए जाने पर कांग्रेस ने जताया दुख
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण में जवाहर लाल नेहरू के नाम न लेकर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है.
ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उन्होंने (राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद) अपने भाषण में जवाहर लाल नहेरू के कैबिनेट मंत्रियों के नाम लिए, लेकिन भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी का नाम नहीं लिया. राष्ट्रपति कोविंद को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अब बीजेपी के सदस्य नहीं है. अब वह भारत के सदस्य है. उन्हें अब भारत के संविधान की रक्षा करनी है और पार्टी की राजनीति से ऊपर उठकर सोचना है.गुलाम नबी आजाद, नेता, कांग्रेस
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नए राष्ट्रपति ने अपने भाषण में राष्ट्रपिता गांधी के समकक्ष जनसंघ के नेता दीन दयाल उपाध्याय को खड़ा किया.
राष्ट्रपति कोविंद ने इतिहास का अपमान किया है. दीन दयाल उपाध्याय न ही भारत की आजादी के समय के नेता है और न ही आजादी के बाद उन्होंने भारत को मॉडर्न बनाने में कोई योगदान दिया.आनंद शर्मा, नेता, कांग्रेस
संसद के सेंट्रल हॉल में रामनाथ कोविंद ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में भाषण के दौरान कहा था, ''मैं अब डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ राधाकृष्णन, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब दा की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं.''
उन्होंने अपने भाषण में महात्मा गांधी, भीम राव अंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए उन्हें स्वतंत्रता सेनानी बताया था.
ये भी पढ़ें: नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन की 10 बड़ी बातें
बीजेपी ने कहा- कांग्रेस को हर बात पर राजनीति नहीं करनी चाहिए
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि, ये देश के लिए सौभाग्य की बात है कि कोविन्द जी राष्ट्रपति हैं. उनका संबोधन सार्वभौमिक था. हर भाषण में नेहरू जी के नाम का दबाव देकर उन्हें छोटा करने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि आज के दिन भारत के राष्ट्रपति ने अगर दीन दयाल उपाध्याय का नाम लिया तो यह गर्व की बात है, उनकी विचारधारा को सम्मान देने की बात है. हर बात पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
(हमें अपने मन की बातें बताना तो खूब पसंद है. लेकिन हम अपनी मातृभाषा में ऐसा कितनी बार करते हैं? क्विंट स्वतंत्रता दिवस पर आपको दे रहा है मौका, खुल के बोल... 'BOL' के जरिए आप अपनी भाषा में गा सकते हैं, लिख सकते हैं, कविता सुना सकते हैं. आपको जो भी पसंद हो, हमें bol@thequint.com भेजें या 9910181818 पर WhatsApp करें.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)