देश के 3 राज्यों की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है. वहीं गोवा की दोनों सीट पणजी और वालपोई पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है. आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने नांदयाल विधानसभा सीट पर भारी मतों से जीत दर्ज की है.
इस उपचुनाव के नतीजों से कई ट्रेंड सामने आ रहे हैं. डालते हैं एक नजर:
1. दिल्ली में AAP ने पाई खोई जमीन, कांग्रेस को दोगुना फायदा
दिल्ली में एमसीडी चुनावों में मिली हार के बाद आलोचना की शिकार हुई आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त वापसी की है. AAP के प्रत्याशी रामचंदर ने बीजेपी के वेद प्रकाश को 24,000 वोटों से हरा दिया. AAP उम्मीदवार रामचंद्र को 59,886 वोट मिले, जबकि बीजेपी के वेद प्रकाश को 35,834 वोट मिले.
कांग्रेस यहां तीसरे स्थान पर रही, लेकिन उसके लिए संतोष करने वाली बात ये है कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तुलना में पार्टी के वोट शेयर में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
क्यों हुआ इस सीट पर उपचुनाव?
वेद प्रकाश आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव कराए गए थे.
पिछले चुनाव से तुलना करने पर ये खास बातें नजर आती हैं.
- बीजेपी के वोट शेयर में 2014 के आम चुनाव के बाद से लगातार गिरावट देखने को मिली है.
- लोकसभा चुनाव की तुलना में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर करीब-करीब बराबर ही रहा है.
- कांग्रेस का वोट शेयर लोकसभा चुनाव से दोगुना, तो विधानसभा चुनाव से 3 गुना ज्यादा बढ़ गया है.
2. गोवा में बीजेपी की बल्ले-बल्ले, कांग्रेस को नुकसान
गोवा की पणजी सीट से मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर 4,803 वोटों से जीते. खास बात ये है कि पर्रिकर ने छठी बार इस पणजी से जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के गिरीश चोडंकर को हराया. चोडंकर को 5,059 वोट मिले, जबकि गोवा सुरक्षा मंच के आनंद शिरोडकर 220 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे
पणजी में क्यों हुआ उपचुनाव?
मार्च 2017 में केंद्र में रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य की राजनीति में पर्रिकर लौट आए थे, जिसके बाद इस सीट से बीजेपी के विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिंकर ने इस्तीफा दे दिया था, जिस वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी था.
वहीं गोवा की वालपोई सीट पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने 10,066 वोटों से जीत दर्ज की है. राणे को 16,167 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के रॉय नाइक को 6,101 वोट मिले.
क्यों हुआ वालपोई में उपचुनाव?
वालपोई सीट पर कांग्रेस के विधायक राणे ने इस्तीफा दे दिया था और वो बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ.
पिछले चुनाव से तुलना करने पर ये खास बातें नजर आती हैं:
- दोनों ही सीटों पर वोट शेयर के लिहाज से कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं बीजेपी को बढ़त मिली है.
- वालपोई पर 2017 विधानसभा चुनाव में 54.05 फीसदी वोट शेयर हासिल करने वाली कांग्रेस 26.45 फीसदी वोट शेयर पर सिमट गई.
- वालपोई सीट पर बीजेपी 2017 विधानसभा चुनाव में 31.31 फीसदी वोट शेयर हासिल कर पाई थी, वहीं इस उपचुनाव में 70.19 फीसदी वोट शेयर हासिल की.
- पणजी सीट पर बीजेपी के वोट शेयर में विधानसभा चुनाव के मुकाबले 17 फीसदी का इजाफा हुआ है,
3. नांदयाल में तेलुगूदेशम पार्टी की जीत
आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने नांदयाल सीट पर YSR कांग्रेस के उम्मीदवार को पटखनी देते हुए भारी मतों से ये उपचुनाव जीत लिया. TDP के मा ब्रह्मानंद रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस के शिल्पा मोहन रेड्डी को 27,000 वोटों से हरा दिया.
क्यों हुआ उपचुनाव?
YSR कांग्रेस के भुमा नागी रेड्डी ने 2014 में इस सीट पर शिल्पा मोहन रेड्डी पर 3,604 वोटों से जीत दर्ज की थी. शिल्पा मोहन रेड्डी उस समय TDP के उम्मीदवार के तौर पर लड़े थे. बाद में नागी रेड्डी TDP में शामिल हो गए थे. बीते साल अप्रैल में नागी रेड्डी के निधन से ये सीट खाली हुई थी.
पिछले चुनाव से तुलना करने पर ये खास बातें नजर आती हैं:
- इस सीट पर लोकसभा चुनाव, 2014 और विधानसभा चुनाव, 2014 दोनों में पीछे रहने वाली TDP ने YSR से निर्णायक बढ़त हासिल की है.
- वोट शेयर के मामले में TDP को विधानसभा चुनाव के मुकाबले 12 फीसदी की बढ़त हासिल हुई है.
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