गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर कौन है आपकी पसंद? इस बार किस पार्टी को मिलने वाली है गुजरात की कमान? ऐसे ही कुछ सवालों के साथ जनता का मू़ड भांपने के लिए इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने एक ओपिनियन पोल किया जिसमें कई दिलचस्प आंकड़े सामने आए.
ये सर्वे गुजरात की 182 विधानसभा सीटों पर कराया गया जिसमें 18, 243 लोगों से उनकी राय पूछी गई.
मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद हैं विजय रूपाणी
इस सर्वे के सबसे पहले हिस्से में पूछा गया कि लोग गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर किस नेता को देखते हैं?
इसके जवाब में मौजूदा सीएम विजय रूपाणी को जनता ने सबसे ऊपर रखा. ओपिनियन पोल में शामिल 34 फीसदी लोगों ने रूपाणी को पहली पसंद बताया. आधे से कुछ ज्यादा यानी 19 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल के नाम पर मुहर लगाई.
सीएम के चेहरे पर लोगों की तीसरी पसंद बने भरत सिंह सोलंकी. सोलंकी फिलहाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. सोलंकी को 11 फीसदी वोट मिले. दिलचस्प है ये देखना कि इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के पोल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी लोगों ने 10 फीसदी वोट दिए. पांचवें नंबर पर आए पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल. उन्हें 6 फीसदी लोगों ने पसंद किया. पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सिर्फ 5 फीसदी वोट मिले.
सर्वे में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान
सर्वे के आंकड़े बीजेपी के चेहरे पर खुशी ला सकते हैं. बीजेपी को कुल 182 सीटों में से 115 से 125 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया. वहीं कांग्रेस के हाथ 57-65 सीटें लग सकती हैं. हार्दिक पटेल फैक्टर को सर्वे के आंकड़ों में ज्यादा तवज्जो मिलती नहीं दिख रही. हार्दिक समर्थित पार्टी को कोई सीट न मिलने का अनुमान जताया गया है.
लेकिन इसी सर्वे में ये बात भी कही गई है कि अगर कांग्रेस और हार्दिक हाथ मिला लेते हैं तो ये आंकड़ा कुछ यूं हो सकता है- बीजेपी- 110 से 120 सीट के बीच, कांग्रेस+हार्दिक- 62 से 71 सीट के बीच.
GST और नोटबंदी से असंतुष्ट है गुजरात
ओपिनियन पोल में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी पब्लिक से सवाल किए गए. इनके जवाब में आए आंकड़ों की मानें तो गुजरात की जनता मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले से नाखुश है.
जीएसटी पर 51 फीसदी लोगों ने असंतुष्टि जाहिर की है. वहीं 38 फीसदी लोग मोदी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट हैं. इसके अलावा 11 फीसदी लोगों ने इस सवाल पर अपनी राय नहीं रखी है. जाहिर है, जनता में जीएसटी को लेकर नाराजगी है.
नोटबंदी के फैसले को लेकर किए गए सवाल पर भी जनता ने अपनी राय रखी. इनमें से 44 फीसदी लोगों ने नोटबंदी को सही ठहराया. वहीं 33 फीसदी लोगों ने कहा कि नोटबंदी से कोई फायदा नहीं हुआ है. इसके अलावा तीन फीसदी लोगों ने कोई विचार नहीं रखा.
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