इंडियन प्रीमियर लीग-10 के लीग मैचों का आखिरी चरण चल रहा है. और ये लगभग तय हो चुका है कि कौन सी टीमें टॉप-4 में जाएंगी. शुरुआत से ही मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद की टीम काफी मजबूत दिखाई दे रही थी.
इन तीनों टीमों से ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि ये आईपीएल-10 की टॉप-4 टीम में शामिल होंगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही.
राइजिंग पुणे सुपरजायंट
राइजिंग पुणे सुपरजायंट इस साल एक सरप्राइज पैकेज के तौर पर उभर कर आई है. टीम शुरुआत से ही काफी चर्चा में भी रही क्योंकि टीम मैनेजमेंट ने पहले महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी से हटाया और फिर बेन स्टोक्स को 14.5 करोड़ में खरीदा.
लेकिन अाखिर में अगर टीम सफल रहती है इसका मतलब टीम के निर्णय सही साबित हुए.
ये नहीं भूलना चाहिए कि आईपीएल शुरु होने के पहले ही पुणे को दो करारे झटके लगे थे. उनके दो मुख्य खिलाड़ी आर. आश्विन और मिचेल मार्श आईपीएल-10 से बाहर हो गए थे. हालांकि अश्विन जैसे गेंदबाज का रिप्लेसमैंट ढ़ूंढना बहुत मुश्किल था लेकिन पुणे ने इमरान ताहिर को टीम में जगह दी जो कि एक शानदार निर्णय साबित हुआ.
टूर्नामेंट में उनके लिए जो सबसे खास बात रही वो ये कि हर मैच में उन्हें एक मैच विनिंग परफॉर्मेंस ने 2 प्वॉइंट दिलाए. पुणे को स्टोक्स ने 3 मैच जिताए साथ ही राहुल त्रिपाठी, धोनी और कप्तान स्मिथ ने भी एक-एक मैच जिताए हैं. ये ही एक बात ऐसी है जो आखिरी चरण में टीम के खिलाफ भी जा सकती है.
मुंबई इंडियंस
मुंबई इंडियंस के सफल सीजन में 2 बातें खास रहीं. पहली ये कि टूर्नामेंट की शुरुआत में ही टीम को सही कॉम्बिनेशन मिल गया, जिसकी वजह से उनकी जीत का कारवां बरकरार रहा. दूसरी बात ये कि मुंबई इंडियंस ने अपनी प्लेइंग इलेवन में बहुत कम बदलाव किए, जो कि उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ.
मिचेल मैक्लेगन ने टूर्नामेंट में काफी धीमी शुरुआत की थी,लेकिन मुंबई इंडियंस ने उन्हें टीम में लगातार खिलाया. ऐसे ही मलिंगा का 2 मैचों में काफी खराब प्रदर्शन रहा, लेकिन उनको भी टीम ने प्लेइंग इलेवन से बाहर नहीं बैठाया.
अपने खिलाड़ियों का मुंबई इंडियंस ने अच्छा इस्तेमाल किया. जिस समय गेंदबाजी में मलिंगा लय से भटके नजर आ रहे थे, तब टीम ने बुमराह को गेंदबाजी की कमान थमा दी.
मुंबई ने बहुत बड़े सवाल का जवाब भी दिया. सवाल ये था कि क्या सही कॉम्बिनेशन से टीम को जीत मिलती है या जीत से सही कॉम्बिनेशन मिलता है? और इसका जवाब निस्संदेह ये है कि जीत के लिए सही कॉम्बिनेशन की जरूरत होती है.
कोलकाता नाइट राइडर्स
एक कहावत है कि जहां पहले से ही सबकुछ ठीक हो वहां ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं होती लेकिन सफल टीमें वही होती हैं जो खुद में परिवर्तन करती रहती हैं. इससे आप विरोधी को हमेशा सरप्राइज करते हैं और साथ ही खुद की टीम में भी नई चुनौतियां देखकर जोश आता है.
आंद्रे रसेल के इस आईपीएल से बाहर हो जाने से कोलकाता नाइट राइडर्स को बड़ा झटका लगा. निचले क्रम में उनकी फायर पावर में कमी आ गई. इस परेशानी से पार पाने के लिए केकेआर ने अपनी सबसे शानदार ओपनिंग जोड़ी गौतम गंभीर और रॉबिन उथप्पा को छोड़ कर क्रिस लिन और सुनील नरेन को ओपनिंग जोड़ी के रुप में भेजा.
ऐसे निर्णय से टीम के बाकी खिलाड़ियों के खेल पर भी असर पड़ा .लेकिन, जिस तरह से उथप्पा ने नंबर तीन पर आकर अपने नए किरदार को निभाया, उस से ये साफ जाहिर होता है कि कोलकाता की टीम एक जुट होकर खेल रही है.
यहां तक कि जिस दिन टीम के लिए नरेन और लिन ने पारी की शुरुआत की, कप्तान गौतम गंभीर खुद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए. टीम के लिए काफी कुछ चीजें ऑक्शन के दौरान ही हो गई थी, लेकिन टीम के खिलाड़ियों का अच्छा इस्तेमाल करना उतना ही ज्यादा जरूरी होता है और केकेआर ने ये बाकी टीमों से बेहतर किया.
सनराइजर्स हैदराबाद
पिछले आईपीएल सीजन में हैदराबाद की गेंदबाजी ने ही उनको सीजन का विजेता बनाया था. लेकिन इस आईपीएल में टीम थोड़ी अलग प्लानिंग साथ उतरी है. मुस्तफिजुर रहमान के लगातार टीम से बाहर रहने से और आशीष नेहरा के कुछ मैच खेलने से टीम को थोड़ी परेशानी हुई.
लेकिन ऐसे में टीम मैनेजमेंट को क्रेडिट जाता है कि उन्होंने टीम में 2 भारतीय युवा तेज गेंदबाज, सिद्धार्थ कॉल और मोहम्मद सिराज को जगह दी.
कप्तान डेविड वार्नर की कप्तानी भले ही चर्चा में न हो, लेकिन उन्होंने बेहतरीन तरीके से अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल और साथ ही साथ शानदार फील्ड प्लेसमैंट भी किया. वहीं टीम के बल्लेबाज केन विलियमसन ने ये साबित किया कि तकनीक से आपका खेल धीमा नहीं होता बल्कि आप और खुल कर सामने आते हैं .
टीम ने काफी कुछ सही किया लेकिन मुझे अब भी ऐसा लगता है कि हैदराबाद अपने टाइटल को बचाने में विफल रहेगी.
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