पीवी सिंधु ने बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया है. इस जीत के साथ ही सिंधु ने इतिहास अपने नाम कर लिया है. वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली सिंधु पहली भारतीय बन गई हैं.
सिंधु ने फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराया. इसके साथ ही सिंधु ने ओकुहारा से 2017 चैंपियनशिप फाइनल की हार का हिसाब भी पूरा किया.
सिंधु और ओकुहारा के बीच वर्ल्ड चैंपियनशिप का दूसरा फाइनल था. 2017 के फाइनल में ओकुहारा ने सिंधु को हराकर गोल्ड जीता था. सिंधु ने इससे पहले 2017 और 2018 के फाइनल में हार के बाद सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
फाइनल मुकाबल में सिंधु ने ओकुहारा के खिलाफ अच्छी शुरुआत की है. पहला प्वाइंट गंवाने के बाद लगातार 8 प्वाइंट अपने नाम किए. पहले गेम के पहले हाफ में 11-2 की बढ़त हासिल कर ली थी.
इसके बाद भी सिंधु ने अपना दबदबा बनाए रखा. हालांकि ओकुहारा ने कुछ प्वाइंट्स हासिल किए लेकिन सिंधु को पहला गेम जीतने से नहीं रोक सकी. सिंधु ने पहला गेम 21-7 से अपने नाम कर लिया है.
दूसरे गेम में भी सिंधु ने अच्छी शुरुआत की और 8 प्वाइंट्स अपने नाम कर 9-3 की बढ़त ली और गेम के पहले हाफ में 11-4 से आगे रहीं.
इसके बाद उन्होंने लगातार अंक लेते हुए 21-7 से गेम और मैच समाप्त करके बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीत लिया.
इसके साथ ही सिंधु ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपने नाम तीनों मेडल कर लिए हैं. सिंधु ने 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज हासिल किया था. जबकि 2017 और 2018 में सिंधु खिताब से चूक गई थीं और दोनों बार उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था. आखिरकार लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंच कर सिंधु ने अपना पहला गोल्ड हासिल कर लिया.
इससे पहले शनिवार को पुरुषों के सिंगल्स में बी साई प्रणीत को सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर 1 जापान के केंटो मोमोटा ने हरा दिया था. प्रणीत 36 साल बाद ब्रॉन्ज जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बने.
भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में ये सिर्फ दूसरा मौका है, जब वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को दो मेडल मिले हों. उसमें भी ये पहली बार हुआ है जब पुरुष और महिला वर्ग में एक साथ भारत ने मेडल अपने नाम किए हों.
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