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2022 कॉमनवेल्थ खेल का बहिष्कार क्यों कर सकता है भारत?

ब्रिटेन के शहर बर्मिंघम में आयोजित होंगे 2022 के कॉमनवेल्थ खेल

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भारत की दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2022 में बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए. हिना ने यह बात इसलिए कही थी क्योंकि निशानेबाजी को अगले कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल न करने का फरमान सुना दिया गया है.

हिना को अब भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा का समर्थन मिला है, जिन्होंने कहा कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है.

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बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनौपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है. बत्रा ने जो मेल लिखा है, उसकी एक कॉपी आईएएनएस के पास है.

“यह आईओए के महासचिव के मई-2019 में दिए गए बयान के सबंध में है, जिसमें कहा गया था कि कॉमनवेल्थ खेल-2022 में हिस्सा न लेने के विचार पर चर्चा की जा सकती है. इस मुद्दे पर अब अनौपचारिक तौर पर आईओए सदस्यों के बीच चर्चा जारी है और वह आईओए के महासचिव राजीव मेहता के विचारों से सहमत हैं.”
नरिंदर बत्रा का खेल मंत्री को ई-मेल
ब्रिटेन के शहर बर्मिंघम में आयोजित होंगे 2022 के कॉमनवेल्थ खेल
2018 कॉमनवेल्थ खेल में भारत को शूटिंग में सबसे ज्यादा मेडल मिले थे
(फोटोः PTI)

इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरआई) के सचिव राजीव भाटिया ने आईएएनएस से कहा था कि निशानेबाजी को न शमिल करने के फैसले के बाद अब कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि आयोजन समिति ने इस मुद्दे पर अंतिम फैसला ले लिया है.

“आपको मैं क्या बताऊं कि हमने क्या-क्या नहीं किया, लेकिन आयोजन समिति हमारी सुनने को तैयार नहीं थी. उसने हमसे कहा कि हम निशानेबाजी पर पैसा खत्म नहीं करना चाहते. फाइनेंस ही उन्होंने एक मात्र कारण दिया. वो कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं. हमने काफी कुछ किया, हमने इस पर संसद में बहस भी करवाई, लेकिन आयोजन समिति मानने को ही तैयार नहीं है. अब हम कुछ नहीं कर सकते, नहीं है तो नहीं है. वो सुनने को तैयार नहीं हैं,हम वहां जबरदस्ती नहीं जा सकते.”
राजीव भाटिया, सचिव NRAI
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जून में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने फैसला किया था कि 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी.

इससे भारत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इन खेलों में अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह निशानेबाजी में जीते पदक होते हैं. 2018 के गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ खेल में भारत ने निशानेबाजी में 7 गोल्ड समेत कुल 16 मेडल जीते थे.

(IANS इनपुट्स के साथ)

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