केद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मध्य प्रदेश का 'उसेन बोल्ट' कहे जाने वाले रामेश्वर गुर्जर को एथलेटिक्स एकेडमी में डालने और प्रशिक्षित करने का आश्वासन दिया है. इसके बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने रामेश्वर को जल्द ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित साई सेंटर पहुंचने के लिए कहा है.
रिजिजू ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक ट्वीट के जवाब में इस प्रतिभाशाली युवा को आगे ले जाने का आश्वासन दिया. शिवराज ने रामेश्वर गुर्जर का वीडियो पोस्ट कर खेल मंत्री से इस युवक को तराशने का अनुरोध किया था.
बीते दिनों गुर्जर (24 साल) का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह 100 मीटर की रेस करीब 11 सेकंड में पूरी करते देखे जा रहे हैं. शिवराज ने इसी वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट किया था.
रामेश्वर की प्रतिभा से प्रभावित पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने केंद्रीय खेल मंत्री को एक ट्वीट करके इस खिलाड़ी की मदद करने की गुहार लगाई. चौहान ने रामेश्वर के वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया और लिखा,
“भारत में टैलेंटेड व्यक्तियों की कमी नहीं है, अगर उन्हें सही मौका और स्थान मिले तो वे इतिहास रच सकते हैं. मैं खेल मंत्री किरण रिजिजू से इस युवा खिलाड़ी की मदद करने का आग्रह करता हूं ताकि इसके स्किल को और बेहतर किया जा सके.”
रिजिजू ने शुक्रवार को चौहान के इस ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, "शिवराज सिंह चौहान जी कृप्या किसी को कहें वह इस खिलाड़ी को मुझ तक पहुंचाए. मैं इसे एथलेटिक अकादमी में डालने का इंतजाम करूंगा."
रिजिजू के इस प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने ट्वीट करते हुए लिखा है,
“खेल मंत्री ने रामेश्वर को हर सम्भव सहायता देने का आश्वासन दिया है. उन्हें भोपाल के साई सेंटर बुलाया गया है. रामेश्वर को साई सेंटर में ट्रेनिंग के लिए सभी सुविधाएं दी जाएंगी.”
रामेश्वर मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के निवासी हैं. वह नंगे पैर दौड़ते हुए 100 मीटर दौड़ 11 सेकेंड में पूरी करने में सफल रहे थे. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने भी रामेश्वर को भोपाल में बेहतर प्रशिक्षण देने की बात कही थी.
पटवारी ने बीते दिनों रामेश्वर को भोपाल आमंत्रित करते हुए अधिकारियों से कहा, "ऐसी प्रतिभा को बेहतर खेल सुविधा, अच्छे शूज और प्रशिक्षण दिया जाए, तो वह 100 मीटर की दूरी नौ सेकेंड में ही तय कर सकता है."
शनिवार को रामेश्वर ने भोपाल पहुंचकर जीतू पटवारी से मुलाकात भी की. मुलाकात के बाद रामेश्वर ने कहा कि अगर उन्हें अच्छी सुविधाएं मिलेंगी तो और मेहनत कर पाएंगे और किसी को निराश नहीं करेंगे.
“सरकार ने मुझे यहां बुलाया है, इससे मुझे खुशी मिली है. अगर सरकार मुझे सुविधाएं देती है तो मैं और भी ज्यादा प्रयास करूंगा और सरकार के भरोसे को नहीं तोड़ूंगा. मैं आर्मी के लिए प्रैक्टिस करता था और वहीं से मैंने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू की.”रामेश्वर गुर्जर
रामेश्वर गुर्जर ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. उनके परिवार में माता-पिता और पांच भाई-बहन हैं. पूरा परिवार खेती-किसानी करता है. रामेश्वर ने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आगे पढ़ाई नहीं की.
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