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“दुनिया को पता चले फैसला सही है या गलत”- मैरी कॉम

मैरी कॉम को पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा

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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत की चैंपियन बॉक्सर मैरी कॉम ने हार के बाद फैसले पर निराशा जाहिर की है. शनिवार 11 अक्टूबर को रूस के उलान उदे में चल रही वर्ल्ड चैंपियनशिप में 51 किलोग्राम के सेमीफाइनल में मैरी को हार का सामना करना पड़ा था. तुर्की की बॉक्सर बुसेनांज कारिकोग्लू ने मैरी को 4-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी.

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भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन ने जजों के इस फैसले को गलत बताते हुए अपील की थी, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली. भारत की अपील को एआईबीए ने ठुकरा दिया.

एआईबीए के निर्देशों के अनुसार, कोई खिलाड़ी तभी अपील कर सकता है जब वह 2-3 या 1-3 के अंतर से मैच हारा हो. मैरी 1:4 से मुकाबला हारी थी इसलिए तकनीकी समिति ने उनके पीले कार्ड को स्वीकार नहीं किया.

फैसले के बाद मैरी ने भी ट्वीट कर इस पर निराशा जाहिर की और लिखा कि दुनिया को पता चले ये सही है या गलत. मैरी कॉम ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री किरेण रिजिजू को भी टैग किया.

“कैसे और क्यों? दुनिया को पता चलने दीजिए कि यह फैसला कितना सही और गलत है.”
मैरी कॉम

हालांकि इसके बावजूद मैरी कॉम को ब्रॉन्ज मिला, जो कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनका रिकॉर्ड आठवां मेडल है. इस मुकाम तक पहुंचने वाले वो दुनिया की पहली बॉक्सर (महिला या पुरुष) बन गईं.

मैरी ने इससे पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में 6 गोल्ड और 1 सिल्वर जीते थे. ये पहला मौका है जब मैरी को सेमीफाइनल में ही हार का सामना करना पड़ा हो. हालांकि 51 किलोग्राम वर्ग में मैरी ने पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता.

हालांकि भारत की 3 और बॉक्सर जमुना बोरो, मंजू रानी और लवलीना बोरगोहेन भी शनिवार को अपने-अपने सेमीफाइनल में उतरेंगी.

48 किलोग्राम में मंजू रानी का मुकाबला थाईलैंड की छुटहामाट राक्सत से होगा. वहीं 54 किलोग्राम भारवर्ग में जमुना बोरो के सामने चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ वेन की बाधा है, जबकि 69 किलो में लवलीना बोरगोहेन चीन की यांग लियू से भिडेंगी.

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