भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया को इस साल प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. यह अवार्ड खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सम्मान है. बजरंग ये सम्मान पाने वाले चौथे पहलवान होंगे.
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस को इस बात की जानकरी दी. सूत्र ने कहा कि पुनिया को कुश्ती के क्षेत्र में लगातार अच्छा करने के लिए अवॉर्ड दिया जाएगा.
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए पुनिया के साथ ही महिला पहलवान विनेश फोगाट को यह अवार्ड देने की सिफारिश की थी.
पुनिया ने हाल ही में तबिलिसी ग्रां प्री में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. वह ईरान के पेइमान बिबयानी को मात देकर 65 किलोग्राम भारवर्ग में सोने का तमगा जीतने में सफल रहे थे. अपने भारवर्ग में मौजूदा नंबर-1 खिलाड़ी पुनिया ने चीन में आयोजित एशियाई चैम्पियनशिप में जीत हासिल कर एशियाई महाद्वीप में अपनी बादशाहत साबित की थी. इसके साथ ही पिछले साल एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था.
पिछले साल भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और भारत्तोलक महिला खिलाड़ी मीराबाई चानू को यह अवार्ड मिला था.
पिछले साल अपना नाम खेल रत्न के लिए न आने के बाद पुनिया ने नाराजगी जताई थी और उस समय के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मुलाकात कर निराशा जाहिर की थी.
खेल रत्न पाने वाले चौथे पहलवान
पहला खेल रत्न पुरस्कार शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को 1991-92 में मिला था. तब से अभी तक सिर्फ 3 बार ही पहलवानों को ये प्रतिष्ठित सम्मान मिला है.
सबसे पहले 2009 में सुशील कुमार को ये सम्मान मिला था. सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कुश्ती का ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उनके बाद 2012 योगेश्वर दत्त को लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर ये अवॉर्ड दिया गया था. वहीं 2016 में साक्षी मलिक ये सम्मान पाने वाली पहली महिला पहलवान बनी थीं. साक्षी ने 2016 के रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीता था.
इस लिहाज से देखा जाए तो बजरंग ओलंपिक पदक जीते बिना ही ये सम्मान पाने वाले पहले पहलवान होंगे. बजरंग सितंबर में कजाखस्तान में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे.
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