शुक्रवार, 4 फरवरी से चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing Winter Olympics) में विंटर ओलंपिक की शुरुआत हो रही है. भारत ने इस साल चीन में आयोजित हो रहे इस विंटर ओलंपिक में अपना कोई अधिकारी न भेजने और इसका डिप्लोमेटिक बहिष्कार करने का फैसला किया है. भारत की तरफ से इस विंटर ओलंपिक के लिए केवल एक ही व्यक्ति क्वालिफाई कर पाया है.
चीन ने गलवान के सैनिक को बनाया टॉर्ट बियरर
MEA ने कहा कि 4 से 20 फरवरी तक चलने वाले खेलों के उद्घाटन या समापन समारोह में कोई भी भारतीय अधिकारी उपस्थित नहीं होगा.
चीन ने पारंपरिक मशाल रिले के लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी के एक कमांडर को चुना है. ये कमांडर 15 जून, 2020 को गालवान घाटी में हुई झड़प में शामिल था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. बाद में इसे बीजिंग ने सैन्य सम्मान दिया गया.
MEA ने कहा कि "मशाल रिले में कमांडर की भागीदारी अफसोसजनक है. यदि भारत, चीन के साथ समस्याओं की अपनी लंबी सूची और वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ निरंतर गतिरोध से निपटने के लिए, शुरू में खेलों के आसपास की राजनीति में खुद को शामिल नहीं करने की योजना बना रहा था, तो बीजिंग के मशाल रिले ने इसे बदल दिया."
भारत ने किया था बीजिंग में विंटर ओलंपिक्स का समर्थन
भारत अपने कदम से उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जो शीतकालीन ओलंपिक के लिए बीजिंग में सरकारी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे. दिसंबर में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस आयोजन के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की थी. यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, जापान, न्यूजीलैंड और नीदरलैंड सहित अन्य ने भी इसी तरह का निर्णय लिया.
इससे पहले नवंबर में जब तमाम देश चीन में विटर ओलंपिक का बहिष्कार कर रहे थे तो भारत रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद, खेलों के लिए समर्थन देने के लिए तैयार हो गया था और इसे पूरा समर्थन दिया भी था.
लेकिन अब गलवान झड़प में शामिल पीएलए कमांडर को सम्मान देने की चीन की चाल के बाद भारत भी इसका बॉयकॉट करेगा.
भारत का इकलौता खिलाड़ी अभी भी हिस्सा लेगा
इस विंटर ओलंपिक में भारत का केवल एक ही खिलाड़ी क्वालीफाई कर पाया है. भारतीय एथलीट जिन्होंने क्वालीफाई किया, स्कीयर आरिफ खान, अब भी दोनों खेलों और उद्घाटन समारोह में सहयोगी स्टाफ के साथ भाग लेंगे. डिप्लोमेटिक बॉयकॉट के चलते इस एथलीट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
दूरदर्शन नहीं करेगा ब्रॉडकास्ट
भारत सरकार के रूख के बाद दूरजर्शन भी अब विंटर ओलंपिक के उद्धाटन सत्र का प्रसारण नहीं करेगा. भारत सरकार द्वारा उद्घाटन या समापन समारोह में अपने दूत को भेजने से इनकार करने के बाद दूरदर्शन ने इसकी घोषणा की है.
शीतकालीन खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह का सीधा प्रसारण नहीं करने के दूरदर्शन के फैसले से आयोजन की टीआरपी पर असर पड़ेगा.
क्या होता है डिप्लोमेटिक बॉयकॉट ?
डिप्लोमेटिक बॉयकॉट और कंपलीट बॉयकॉट में अंतर होता है. डिप्लोमेटिक बॉयकॉट का सीधा सा मतलब है कि देश खेलों के दौरान आधिकारिक सरकारी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे. ओलंपिक के पैमाने को देखते हुए, देश की सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारी अक्सर ओलंपिक की यात्रा करते हैं. इन अधिकारियों को अक्सर 'वीआईपी विजिटर्स' के रूप में लेबल किया जाता है. लेकिन कंपलीट बॉयकॉट में खिलाड़ी भी उस देश में हो रही प्रतियोगिता में भाग नहीं लेते हैं.
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