कोरोनावायरस के बढ़ते असर के चलते अब इंडियन प्रीमियर लीग को रोकने के लिए अदालतों में भी याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने ऐसी ही एक याचिका पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी कर 23 मार्च तक जवाब मांगा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई, लेकिन कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
मद्रास हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
मद्रास हाईकोर्ट में गुरुवार 12 मार्च को एडवोकेट जी एलेक्स बेंजीगर ने एक याचिका दायर की जिसमें IPL को रोकने की मांग की गई. याचिकाकर्ता ने अपनी अपील में मांग की थी कि कोर्ट केंद्र सरकार और बीसीसीआई को निर्देश दे और आईपीएल के आयोजन को रोके.
जस्टिस एमएम सुंदरेश और कृष्णन रामासामी की बेंच ने स्वास्थ्य मंत्रालय और बीसीसीआई से इस पर 23 मार्च तक जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट का तुरंत सुनवाई से इंकार
वहीं गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वैकेशन बेंच के सामने आई याचिका पर कोर्ट याचिकाकर्ता से कहा कि 16 मार्च को जब सुप्रीम कोर्ट में कामकाज शुरू होगा, तब वह नियमित पीठ के सामने याचिका का जिक्र कर तत्काल सुनवाई की मांग कर सकते हैं.
शीर्ष अदालत में होली की वजह से एक हफ्ते का अवकाश है.
पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता मोहन बाबू अग्रवाल से कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसके लिए कोर्ट के खुलने का इंतजार नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने कहा, “आप 16 मार्च को नियमित अदालत के समक्ष इसका उल्लेख कर सकते हैं.”
अग्रवाल ने अपनी याचिका में बेंच के सामने दलील दी कि 29 मार्च से आईपीएल-2020 शुरू होना है, लेकिन मैचों के दौरान कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अब तक कोई सुरक्षा उपायों की घोषणा नहीं की गई है.
यााचिकाकर्ता ने साथ ही कहा कि आईपीएल मैचों में भारी संख्या में दर्शकों के आने की संभावना है.
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