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मशहूर क्रिकेटरों के बेटे: कोई छा गया तो कोई इतिहास में खो गया

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे

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सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के अंडर-19 क्रिकेट में सेलेक्शन के बाद उनके खेलने अंदाज पर चर्चा चल पड़ी है. कुछ क्रिकेट फैन्स अर्जुन तेंदुलकर में सचिन तेंदुलकर देख रहे हैं तो कुछ के मन में सवाल है क्या वह अपने पिता की ऊंचाइयों को छू पाएंगे. अर्जुन के तरह दुनिया भर में कई क्रिकेटरों के बेटे मैदान में उतरे और चमकते सितारे बन गए. लेकिन कई ऐसे थे जो अपने पिता जैसा नाम नहीं कमा पाए. आइए देखते हैं क्रिकेटर पुत्रों में किसने बुलंदियों को छुआ और कौन बगैर कोई चमक बिखेर मैदान से बाहर हो गया.

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इन्होंने बिखेरी चमक

मंसूर अली खान पटौदी

पिताः इफ्तिखार अली खान पटौदी, भारत और इंग्लैंड दोनों ओर से खेले

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
मंसूर अली खान पटौदी
  (फोटो सौजन्य : Books-a-Buddy Quiz Facebook)

नवाब पटौदी सीनियर के नाम से मशहूर इफ्तिखार अली खान पटौदी भारत और इंग्लैंड दोनों टीमों से खेले थे. पहले ही मैच में उन्होंने सेंचुरी बनाई थी. वह दो बार इंग्लैंड के लिए खेले. आखिरी तीन टेस्ट उन्होंने भारत के लिए खेले. 1946 में वह इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम से खेले. उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी ने 46 टेस्ट खेले. 40 में उन्होंने कप्तानी की. मंसूर अली खान पटौदी ने 34.91 के औसत से 2793 रन बनाए. उनकी कप्तानी में भारत ने नौ टेस्ट जीते.

युवराज सिंह

पिता: योगराज सिंह, मध्यम तेज गेंदबाज भारत

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
युवराज सिंह
(फोटो: Facebook)

भारतीय क्रिकेट टीम के विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का करियर चोट की वजह से खत्म हो गया था. उन्होंने सिर्फ एक टेस्ट और छह वनडे खेले थे. लेकिन उनके बेटे युवराज सिंह का करियर शानदार रहा. युवराज लंबे समय तक भारत के स्टार बल्लेबाज रहे. उनके नाम वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में छह गेंद पर छह छक्के लगाने का रिकार्ड है. वह अब तक 40 टेस्ट, 394 वनडे और 58 टी20 मैच खेल चुके हैं. वह वनडे में 8500 से ज्यादा रन बना चुके हैं और 111 विकेट ले चुके हैं.

संजय मांजरेकर

पिता : मशहूर बल्लेबाज विजय मांजरेकर

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
संजय मांजरेकर
(फोटो: Facebook)

मशहूर बल्लेबाज विजय मांजरेकर ने भारत के लिए 55 टेस्ट खेले हैं. उन्होंने 20 साल की उम्र में मैदान में उतर चुके थे. इंग्लैंड में पहले मैच में सेंचुरी बना कर उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह मजबूत की थी. उनके बेटे संजय मांजरेकर भारत के सबसे स्टाइलिश बल्लेबाजों में माने जाते हैं. संजय मांजरेकर 1987 से 1996 तक भारतीय टीम में मध्य क्रम के बल्लेबाज के तौर पर खेले और 37.14 के औसत से 2000 से ज्यादा रन बनाए. वह 55 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और अब शीर्ष टीवी कमेंटेटर में शुमार किए जाते हैं.

मोहिंदर अमरनाथ

पिता - लाला अमरनाथ, मशहूर भारतीय बल्लेबाज

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
मोहिंदर अमरनाथ
(फोटो: Twitter)

लाला अमरनाथ टेस्ट क्रिकेट में सेंचुरी मानने वाले पहले भारतीय थे, वह भी पहले ही मैच में. वह स्वतंत्र भारत की पहली क्रिकेट टीम के कैप्टन थे. उनके दोनों बेटे सुरेंदर और मोहिंदर अमरनाथ भारत के लिए टेस्ट खेले. मोहिंदर अमरनाथ 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाले भारतीय टीम में शामिल थे और उन्होंने अपने ऑलराउंडर खेल से खिताब जीतने में मदद की थी. सुरिंदर अमरनाथ सिर्फ नौ मैच खेल पाए लेकिन मोहिंदर अमरनाथ ने 69 टेस्ट खेले. जिमीअमरनाथ के नाम से मशहूर मोहिंदर ने 11 सेंचुरी बनाई.

रिचर्ड हेडली

पिता : वाल्टर हेडली

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
रिचर्ड हेडली
(फोटो: Facebook)

रिचर्ड हेडली के पिता वाल्टर हेडली ने न्यूजीलैंड के लिए 11 टेस्ट मैच खेले थे. वाल्टर हेडली के तीनों बेटे न्यूजीलैंड के लिए खेले लेकिन रिचर्ड हेडली सबसे कामयाब रहे. वह अपने वक्त में दुनिया के सबसे बड़े ऑलराउंडर में एक थे. अपनी गेंदबाजी के दम पर वह न्यूजीलैंड को कई मैच जिताने में कामयाब रहे थे. 1990 में करियर खत्म होते वक्त वह 86 टेस्ट खेल चुके थे. उनके खाते में 431 विकेट दर्ज हैं. उन्होंने दो टेस्ट सेंचुरी बनाए थे. इसके अलावा 3124 रन बना चुके हैं.

ये अंधेरे में खो गए

क्रिस काउड्रे

पिता : कॉलिन काउड्रे - 22 टेस्ट सेंचुरी बनाने वाले इंग्लैंड के बैट्समैन

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
क्रिस काउड्रे
(फोटो: Twitter)

क्रिस काउड्रे को काउंटी में बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर 1984 में इंग्लैंड टीम में चुना गया था. उन्होंने इंग्लैंड की ओर से पहला टेस्ट मुंबई में खेला और पहले ही ओवर में कपिलदेव को आउट कर दिया. इसके बाद वह ठीक प्रदर्शन नहीं कर सके और चार साल टीम से बाहर रहे.1988 में फिर चुने गए लेकिन वह छह टेस्ट और तीन वनडे ही खेल सके. इसके बाद उनका करियर खत्म हो गया.

रोहन गावस्कर

पिता : महान क्रिकेटर सुनील मनोहर गावस्कर

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
रोहन गावस्कर
(फोटो: Facebook)

सुनील मनोहर गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं. उनके बेटे रोहन गावस्कर से काफी उम्मीदें थीं. रोहन 2014 में इंडियन टीम में चुने गए थे. एंड्रयू सायमंड्स का शानदार कैच लेकर और 50 रन बना कर वह चर्चा में आए थे. लेकिन आगे वह कुछ खास नहीं कर पाए. वह भारत की ओर से सिर्फ 11 वनडे ही खेल पाए. आखिरी बार वह 2004 में चैंपियन ट्रॉफी में खेले थे और फिर 2010 में आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से . आजकल वह भी अपने पिता के नक्शेकदम पर कमेंटेटर के तौर पर मैदान में उतर पड़े हैं.

माली रिचडर्स

पिता : वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचडर्स

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
टोपी पहने हुए माली रिचडर्स
(फोटो: Facebook)

गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने वाले वेस्टइंडीज के शानदार बल्लेबाज विवियन रिचडर्स के बेटे माली रिचर्डस इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी लेवल पर खेले और इंग्लिश काउंटी सर्किट में मिडिलसेक्स के लिए खेले.लेकिन वेस्टइंडीज टीम में जगह नहीं बना पाए. बाएं हाथ के बल्लेबाज माली ने 11 मैच खेले लेकिन कभी अर्धशतक तक भी पहुंच नहीं पाए.

स्टुअर्ट बिन्नी

पिता : रोजर हार्पर बिन्नी, मशहूर भारतीय ऑलराउंडर

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
स्टुअर्ट बिन्नी
(फोटो: Facebook)

रोजर बिन्नी वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल थे. वह अच्छे गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों थे. लेकिन उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी कुछ खास कमाल नहीं कर सके. स्टुअर्ट ने 2003-04 में कर्नाटक के लिए रणजी खेल कर करियर की शुरुआत की. लेकिन टीम में जगह बरकरार नहीं रख पाए. 2007 में इंडियन क्रिकेट लीग की शुरुआत हुई तो वह इसमें शामिल हुए. फिर से बोर्ड क्रिकेट में वापसी के बाद से अब तक वह 46 फर्स्ट क्लास मैचों में 35.89 की औसत से 2477 रन बनाए हैं. 68 विकेट ले चुके हैं. लेकिन इंडियन टीम में जगह नहीं बना सके.

अनिरुद्ध श्रीकांत

पिता : सलामी बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत

युवराज और संजय मांजरेकर जैसे खिलाड़ियों ने पिता की राह पकड़ी और सफल रहे
अनिरुद्ध श्रीकांत
(फोटो: Youtube Screenshot)

क्रिस श्रीकांत लंबे वक्त तक भारत के लिए सलामी बल्लेबाज के तौर पर गेंदबाजों के लिए खौफ बने रहे. वनडे में उनकी ताबड़तोड़ पारी के क्रिकेट फैन्स दीवाने रहे. लेकिन उनके बेटे अनिरुद्ध श्रीकांत ने महज 16 साल की उम्र में 2003-04 में फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत तो कर दी थी लेकिन वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. तमिलनाडु के लिए खेलने अनिरुद्ध ने 23 मैचों में 29.45 की औसत से 1031 रन बनाए. जिसमें सिर्फ एक शतक शामिल है. लचर प्रदर्शन की वजह से भारतीय क्रिकेट टीम के दरवाजे पर वह दस्तक नहीं दे पाए.

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