भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अनुभवी अंबाती रायडू को नजरअंदाज किए जाने पर चयनकर्ताओं को आड़े हाथों लिया है. गंभीर का कहना है कि चयनकर्ताओं ने लगातार रायडू को नजरअंदाज किया है जिसके कारण ही उन्होंने संन्यास की घोषणा की है. साथ ही गंभीर ने इसे भारतीय क्रिकेट के लिए बुरा समय बताया
चयनकर्ताओं ने वर्ल्ड कप के लिए रायडू को रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर रखा था. इसके बावजूद जब शिखर धवन और विजय शंकर के चोटिल होने के बाद रिप्लेसमेंट की बात आई तो दोनों बार रायडू को अनदेखा किया गया. इसके बाद रायडू ने बुधवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी.
इंग्लैंड-न्यूजीलैंड के मैच से पहले स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम में गंभीर ने रायडू के संन्यास पर कहा,
“मेरे अनुसार, इस विश्व कप में चयनकर्ताओं ने पूरी तरह से निराश किया है. रायडू का संन्यास लेने का कारण वो ही हैं और ये उनकी फैसले लेने की उनकी काबिलियत का दोष है”
गंभीर ने इस तरह से रायडू के संन्यास को भारतीय क्रिकेट के बुरा बताया.
“तीन शतक और 10 अर्धशतक लगाने के बावजूद अगर एक खिलाड़ी को संन्यास लेना पड़ता है तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए बुरा समय है.”गौतम गंभीर, पूर्व क्रिकेटर
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने चयनकर्ताओं को लताड़ते हुए कहा कि इस तरह के फैसलों से कोई भी क्रिकेटर निराश ही होगा.
“पांच चयनकर्ताओं ने मिलकर उतने रन ही बनाए होंगे, जितने की रायडू ने अपने करियर में बनाए हैं. उनके संन्यास लेने से मैं पूरी तरह से निराश हूं. चोट के कारण ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल को मौका दिया गया है और ऐसे में रायडू की जगह कोई भी होता, तो वो भी निराश ही होता. उनके जैसे क्रिकेटर ने आईपीएल और देश के लिए अच्छा किया है “गौतम गंभीर, पूर्व क्रिकेटर
गंभीर ने ट्वीट कर अपनी बात को एक बार फिर दोहराया और साथ ही जोड़ा कि खिताब जीतना जरूरी है, लेकिन कई बार दिल भी दिखाना होता है.
वहीं पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने रायडू को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्ल्ड कप के लिए अनदेखा किया जाना वाकई दर्द भरा रहा होगा.
भारतीय टीम के स्टाइलिश हैदराबादी पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने भी ट्वीट कर रायडू का दुख बांटा और उनको शुभकामनाएं दी.
रायडू ने भारत के लिए 55 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 47.05 के औसत से 1694 रन बनाए. इसमें तीन शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)