महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर आज 'बलिदान' बैज नहीं दिखा. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे मैच में धोनी विकेटकीपिंग ग्लव्स पर बलिदान वाला सिंबल लगाकर नहीं उतर सके. इससे पहले ICC ने परमिशन देने से इंकार कर दिया था, हालांकि BCCI समेत देश के कई पूर्व क्रिकेटर्स और जानी मानी हस्तियों ने धोनी का समर्थन किया था.
सहवाग ने धोनी को दिया था आइडिया
इससे पहले वीरेंद्र सहवाग ने एक वीडियो मैसेज ट्वीट कर कहा है कि अगर धोनी ग्लव्स के बजाय बैट पर बलिदान का चिन्ह लगाएं और ICC से लिखित में परमिशन मांगें तो बैज के साथ क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच खेलना संभव है. सहवाग ने अपना उदाहरण भी दिया कि किस तरह उन्होंने अपनी कोचिंग एकेडमी का लोगो लगाकर मैच खेला था और इसके लिए iCC से परमिशन मांगी थी. सहवाग का कहना है कि बैट पर एक मैन्युफैक्चरर का और दूसरा कोई और लोगो इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या है मामला?
धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में ऐसे कीपिंग ग्लव्स पहने थे जिन पर भारतीय सेना के 'बलिदान ब्रिगेड' का चिन्ह बना हुआ था. इस पर आईसीसी ने अपने नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई थी और BCCI से कहा था कि वह धोनी से सेना का चिन्ह हटाने को कहे. BCCI ने हालांकि ICC से कहा था कि धोनी चिन्ह के साथ खेलने की अनुमति दी जाए, जिसे ICC ने खारिज कर दिया था.
क्या हैं ICC के नियम
- कोई भी खिलाड़ी मैच के दौरान सिर्फ राष्ट्रीय टीम का लोगो, कमर्शियल लोगो, इवेंट का लोगो, किट निर्माता का लोगो, बैट पर लोगो, चैरिटी का लोगो या नॉन-कमर्शियल लोगो का इस्तेमाल कर सकता है.
- किसी भी तरह का लोगो, चाहे वो कमर्शियल हो, नॉन-कमर्शियल हो या किट निर्माता का हो, इन सबके लिए खिलाड़ी या बोर्ड को आईसीसी से इजाजत लेनी होगी.
- किसी भी तरह के ‘पर्सनल मैसेज’ के इस्तेमाल के लिए आईसीसी से इजाजत एडवांस में लेनी होगी.
- इन पर्सनल मैसेज में राजनीति, धर्म या नस्लभेदी टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है, तो इजाजत नहीं दी जाएगी.
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