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World Cup विजेता Imran Khan की विदाई के बाद कौन लाएगा पाक Cricket के अच्छे दिन?

ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद पाकिस्तान के क्रिकेट फैन्स ने सपने देखने शुरू कर दिए थे, लेकिन अब क्या होगा?

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पाकिस्तान क्रिकेट (Pakistan cricket) में अच्छे दिन लाने वाले किसी व्यक्ति की बात की जाए तो वह इमरान खान Imran khan से बेहतर और कौन हो सकता था. इमरान ने पाकिस्तान के क्रिकेट को बेहतर दिशा में ले जाने का काम किया है. इमरान पाकिस्तान के अब तक के सबसे बेहतरीन कप्तान रहे हैं. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने एक बार फिर से वापसी की और एक बिखरी हुई टीम का नेतृत्व करते हुए 1992 में पाकिस्तान को वनडे क्रिकेट विश्वकप में जीत दिलाई.

जिस दौर में उन्होंने टीम का नेतृत्च किया वह बतौर कैप्टन उनके लिए आसान काम नहीं था. क्योंकि टीम में इमरान को अपने धुर विरोधी जावेद मियांदाद से पटरी जमाए रखने की चुनौती थी. सच कहा जाए तो उस समय पाकिस्तानी टीम में 'हेल्दी' कॉम्पिटीशन नहीं था.

ऐसा इसलिए, क्योंकि जहां एक ओर ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई करने वाले इमरान खान अमीर बच्चों की श्रेणी में आते थे. पाकिस्तान में उन्होंने कभी भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेला था, बल्कि वह इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में खेलकर आए थे. वहीं दूसरी ओर इसके उलट जावेद मियांदाद स्ट्रीट क्रिकेटर थे. वे घरेलू स्तर पर चुनौतियों को पार करते हुए कड़ी मेहनत से टीम में आए थे.

एक कप्तान के तौर पर जहां इमरान खान की छवि 'प्लेबॉय' की तरह थी, वहीं मियांदाद एक 'फायरब्रांड' और तानाशाही कप्तान की तरह थे. ऐसे आरोप लगाए जाते हैं कि मियांदाद की कप्तानी वाली 1981 की पाकिस्तान क्रिकेट के 10 खिलाड़ी हड़ताल पर चले गए थे और उनकी बगावत का नेतृत्व इमरान खान ने किया था. इस स्ट्राइक के बाद मियांदाद को पाकिस्तान के कप्तान पद से हटा दिया गया था.

इमरान खान और जावेद मियांदाद दोनों ही पाकिस्तान क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण थे. इसमें कोई शक नहीं कि मियांदाद पाकिस्तान के टॉप बल्लेबाजों में एक रहे हैं वहीं इमरान खान अपनी आकर्षक अपील और ऑल राउंडर खूबियों के साथ पोस्टर बॉय थे.

जहां गेंदबाजी में इमरान खान दुनिया के शीर्ष तेज गेंदबाजों में से एक थे, वहीं बल्लेबाजी में भी उनका अच्छा खासा औसत था. सर रिचर्ड हेडली इमरान खान को अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर के तौर पर देखते थे, तत्कालीन प्रतिद्वंद्वियों को देखते हुए यह इमरान खान के लिए कोई छोटी उलपब्धि नहीं थी क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वियों में खुद हेडली, इयान बॉथम और कपिल देव जैसे दिग्गजों का नाम था.

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क्रिकेट मैदान पर एक कप्तान और सड़कों पर एक नेता

क्रिकेट में भारत के खिलाफ इमरान खान के आंकड़े काफी बेहतरीन रहे हैं. भारत के खिलाफ टेस्ट में उनका बल्लेबाजी औसत 51 के अधिक था वहीं अपनी कुल 362 टेस्ट विकेट्स में में 94 विकेट उन्होंने इंडिया की चटकाई हैं! लंबे बालों वाले इमरान को अपना रोल मॉडल मानते हुए पाकिस्तानी बच्चों ने सपाट घरेलू पिचों पर तेज गेंदबाजी की शुरुआत की थी.

इमरान खान वह शख्स थे जिन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों को चुनने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड PCB की चयन प्रक्रिया के खिलाफ जाकर वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे होनहार खिलाड़ियों को खोज निकाला था. 1992 के वर्ल्ड कप के लिए जब इमरान ने अपनी टीम में इंजमाम उल-हक को शामिल करने का निर्णय लिया था तब एक सिलेक्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था!

विश्व कप जीतने के बाद इमरान खान ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया और उस चैरिटेबल कैंसर हॉस्पिटल के काम में लग गए जिसे वह अपनी मां के नाम पर बनवा रहे थे. यह हॉस्पिटल 1994 में शुरु किया गया था.

हॉस्पिटल खुलने के बाद पाकिस्तान के लोगों को उनमें एक परोपकारी व्यक्ति दिखा है जो नि:स्वार्थ भाव से काम करता था. इमरान पढ़े-लिखे और अमीर शख्स थे वो चाहते तो इंग्लैंड जाकर आरामदायक शानदार जीवन व्यतीत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने देश रहना उचित समझा और अपने मुल्क के लोगों के लिए कड़ी मेहनत से काम करने की राह को चुना.

1995 में जब इमरान खान ने ब्रिटिश नागरिक जेमिमा गोल्डस्मिथ से निकाह किया तो उनकी शादी की चर्चाएं खूब हुई. उन्होंने पेज 3 की सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि उस समय जेमिमा 21 वर्ष थीं वहीं इमरान 42 साल के थे.

इसके बाद बतौर राजनेता इमरान खान के लिए मंच तैयार किया गया. 1996 में ही इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को लॉन्च किया था और इसके छह साल बाद मियांवाली से उन्होंने अपना पहला चुनाव जीता था.

PCB  के अच्छे दिन?

जब इमरान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तब पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों ने चैन की सांस ली थी क्योंकि उस समय तक इमरान खान पाकिस्तान में क्रिकेट के पतन के लिए PCB और सरकार को जिम्मेदार बताते थे.

भारत के उलट पाकिस्तान में पीसीबी के शीर्ष अधिकारियों को खुद प्रधानमंत्री द्वारा नामित किया जाता और उसे हटाया जा सकता है. लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार को फटकार लगाते हुए गुस्से में इमरान खान ने कहा था कि

'सरकार लाॅन्ग मार्च और वकीलों के आंदोलनों को रोकने में ज्यादा लगी हुई थी. उसका ज्यादातर ध्यान इधर ही था. श्रीलंकाई टीम को टॉप लेवल की सुरक्षा प्रदान करने पर सरकार को अपना ध्यान लगाना चाहिए था. ...प्रेसीडेंट को पीसीबी चेयरमैन की नियुक्ति क्यों करनी चाहिए? बोर्ड में मतदान के जरिए चुनकर आने वाले प्रतिनिधि होने चाहिए जो प्राेफेशनल्स के साथ मिल कर देश में क्रिकेट को सही दिशा में बढ़ा सकें.'
इमरान खान

स्वाभाविक है कि इमरान द्वारा कही गई इन बातों को सुनकर पाकिस्तान की जनता को इस बात से उम्मीद थी जब वे देश की गद्दी संभालेंगे तब पाकिस्तान में एक बार फिर क्रिकेट के सुनहरे दिन आ सकते हैं.

इमरान के सत्ता में आने के बाद पीसीबी के सबसे खराब दौर के दो मुख्य किरदारों में से एक नजम सेठी को तुरंत पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह पर आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनी को नामित किया गया था. क्रिकेट के मामलों में इमरान खान दखल दे रहे थे.

लेकिन विडंबना यह है कि फिर भी लोगों को कुछ होने की उम्मीद थी.

मनी ने कुछ बदलाव करने के प्रयास भी किए जैसे कि पाकिस्तान क्रिकेट के डोमेस्टिक सर्किट के लिए कुछ स्ट्रक्चर को तलाशना, राजनीति को कम करना और असंतुष्ट आवाजों को हटाना.

कई तरह की शिकायतों के बावजूद भी पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में किसी तरह से स्थिरता आ रही थी. जिससे इस क्षेत्र में पाकिस्तान की मौजूदगी का अहसास कराया.

हालांकि अभी भी पाकिस्तान इंटरनेशनल क्रिकेट के दिग्गजों से दूर था. पाकिस्तान टीम का मैच अभी तक दुबई में आयोजित किया जाता रहा. वहीं पाकिस्तान टीम जिम्बाब्वे, आयरलैंड और नीदरलैंड जैसे देशों के साथ सीरीज खेलती रही.

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रमीज राजा की इंट्री

2019 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान विफल रहा और एशिया कप पाक टीम को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. इन विफलताओं की जिम्मेदारी मनी को लेनी पड़ी और 2021 में इमरान खान ने PCB चेयरमैन पद के लिए रमीज राजा को नामित किया. जब इमरान ने यह कदम उठाया था तब इनके खिलाफ जमकर आवाजें उठी थीं.

राजा हमेशा से ही इमरान खान के प्रति वफादार रहे हैं. ऐसे में यह बात स्पष्ट थी कि इमरान पीसीबी की कुर्सी में ऐसे व्यक्ति को बैठाना चाहते थे जो उनकी हां में हां मिला सके.

जहां तक क्रिकेट प्रशासन की बात है तो 59 साल के रमीज राजा अभी भी इसके लिए काफी छोटे हैं. जहां एक ओर उनके 'युवा' होने और अनुभव हाेने की वजह से दुनिया में कई लोगों को उनमें आशा की किरण दिखाई दी वहीं उन्हें काफी विरोधों का सामना भी करना पड़ा.

कई लोगों ने रमीज का विरोध किया जिनमें से एक सरफराज नवाज भी थे. सरफराज पूर्व में नई बॉल के साथ इमरान का साथ देते थे. उन्होंने अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए बताया कि किस तरह से रमीज राजा अनुभवहीन हैं और 'भारत के प्रति वफादार' हैं. इसके साथ ही यह कहा कि पीसीबी के साथ रमीज का पुराना अनुभव भी बहुत कुछ खास नहीं था. लगभग सभी को सही साबित करते हुए उन्होंने कथित तौर पर टेस्ट कप्तान मिस्बाह-उल-हक और कोच वकार यूनिस को इस्तीफा देने के लिए "मजबूर" किया.

हालांकि राजनीति और रमीज राजा की IPL-PSL की बेतुकी तुलना व भारत की अर्थव्यवस्था पर दिए गए बयान से बाहर निकलकर देखे तो इस व्यक्ति ने रिजल्ट दिए हैं.

लगभग एक दशक के अंतराल के बाद पाकिस्तान की मेंस टीम टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक जगह बनाने में सफल रही.

इससे भी अहम यह रहा कि बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान और शाहीन अफरीदी की वजह से पाकिस्तान भारत को 10 विकेट से करारी हार देने में सफल रहा.

महिला क्रिकेट की बात करें तो यहां फातिमा सना ने 2022 में एमर्जिंग क्रिकेटर का अवॉर्ड जीता.

वहीं जहां एक ओर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने अपना पाकिस्तान दौरा रद्द किया दिया था, जबकि लगभग 24-25 साल बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया.

हालांकि यह सच है कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान पाकिस्तान की पिचों के मीम बने लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि इंटरनेशनल क्रिकेट ने पाकिस्तान में वापसी की और जिसकी वजह से पीसीबी ने काफी प्रॉफिट बनाया.

अब इमरान खान जा चुके हैं, क्या पीसीबी में फिर से बदलाव होगा? रमीज राजा ने कहा था कि वे इमरान के जाते ही अपना इस्तीफा दे देंगे.

क्या एक बार फिर बाबर आजम बिखरी हुई टीम की कमान संभालेंगे. पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों ने फिर से सपने देखना शुरू कर दिया था ऐसे में क्या फिर उनके सपने टूटेंगे?

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