ऑस्ट्रेलियाई टीम जब भारत आई थी तो सभी को पता था कि यह टीम मजबूत है, लेकिन इतनी मजबूत कि भारत को उसी के घर में पहले वनडे में 256 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 10 विकेट से हरा दे. यह शायद किसी ने नहीं सोचा था. भारतीय कप्तान विराट कोहली भी मान गए हैं और उन्होंने कहा है कि यह टीम काफी मजबूत है और इसके खिलाफ वापसी चुनौतीपूर्ण है.
वहीं अपने बैटिंग ऑर्डर में बदलाव पर कोहली ने कहा कि इस पर दोबारा सोचा जदा सकता है लेकिन एक मैच के बाद घबराने के बजाए धैर्य रखने की जरूरत है.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच मंगलवार 14 जनवरी को वानखड़े स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे में टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी के लिए बुलाया. उनके गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 49.1 ओवरों में 255 रनों पर ऑल आउट कर दिया. इस लक्ष्य को आस्ट्रेलिया ने बिना विकेट खोए हासिल कर 10 विकेट से मैच जीता.
डेविड वॉर्नर ने नाबाद 128 रन बनाए और कप्तान फिंच ने नाबाद 110 रन.
मैच के बाद कोहली ने कहा,
“उन्होंने खेल के तीनों विभागों में हमें नतमस्तक कर दिया. यह बेहद मजबूत आस्ट्रेलियाई टीम है और अगर आप इनके खिलाफ अच्छा नहीं खेले तो यह आपको नुकसान पहुंचाएंगे. हमने उनके गेंदबाजों का सम्मान किया और मैच को करीब से अपने पक्ष में नहीं लिया. हमारे लिए एक और चुनौती यहां से वापसी करने की होगी.”
भारत के लिए शिखर धवन ने 74 और लोकेश राहुल ने 47 रनों की पारी खेलीं लेकिन मध्य क्रम एक बार फिर पूरी तरह से विफल रहा.
‘लोगों को धैर्य रखना चाहिए’
मिडिल क्रम पर कोहली ने कहा, "यह युवा मध्य क्रम के बल्लेबाजों के लिए मौका है कि वो शानदार गेंदबाजों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाएं और मैच जिताऊ पारी खेलें."
कोहली इस मैच में नंबर-4 पर बल्लेबाजी करने आए थे क्योंकि रोहित शर्मा ने धवन के साथ पारी की शुरुआत की और राहुल नंबर-3 पर खेले.
नंबर-4 पर खेलने पर कोहली ने कहा,
“हमने इसे लेकर पहले भी चर्चा की हैं. जिस तरह से राहुल बल्लेबाजी करते आ रहे हैं तो हमने सोचा की उन्हें ऊपर भेजना चाहिए. यह खिलाड़ियों को लाने और उन्हें परखने की बात है. लोगों को धैर्य रखने की जरूरत है घबराने की नहीं. आज का दिन हमारा नहीं था.”
3 मैचों की सीरीज का दूसरा वनडे राजकोट में 17 जनवरी को है.
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