ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत को मोहाली में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार से सीखने चाहिए ये 3 सबक

मोहाली वनडे से भारतीय क्रिकेट टीम को सीखने चाहिए सबक

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज के चौथे मुकाबले ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान, कोच और चयनकर्ताओं को एक मेसेज दिया कि उन्हें अपने सबसे बेहतरीन ग्यारह खिलाड़ियों के साथ ही उतरना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं.

रविवार, 10 मार्च को मोहाली के मुकाबले में भारत ने अपने खेमे में चार बदलाव किए, जिसमें शुक्रवार, 8 मार्च को रांची में तीसरा मुकाबला हारने वाली टीम से एमएस धोनी, अंबाती रायडू, मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा की जगह पर ऋषभ पंत, केएल राहुल, भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल को शामिल किया गया.

मोहाली में एश्टन टर्नर की पारी के चलते मिली हार से भारत को ये तीन सबक सीखने चाहिए:

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विराट को तीसरे नंबर पर ही खेलना चाहिए

भारतीय थिंक-टैंक परफेक्ट प्लेइंग इलेवन खोजने की कोशिश में काफी अहम आईसीसी विश्वकप 2019 से पहले ज्यादा से ज्यादा कॉम्बिनेशन्स की आजमाइश करना चाह रहा है.चौथे वनडे मुकाबले में किए गए कई बदलावों में एक बदलाव यह था कि बल्लेबाजी क्रम में विराट कोहली चार नंबर पर खेलने आए और केएल राहुल को तीन नंबर पर भेजा गया.

हालांकि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को परखना अच्छा है, लेकिन यह भी जरूरी होता है कि मुकाबलों को जीता जाए और यह सुनिश्चित हो कि प्रमुख खिलाड़ियों की फॉर्म बरकरार रहे. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोहली भारत के सबसे अहम खिलाड़ी हैं और टीम मैनेजमेंट को पता होना चाहिए कि उनके तीन नंबर के क्रम के साथ छेड़खानी खतरनाक हो सकती है.

50 ओवर के खेल में तीन नंबर एक ऐसा क्रम है, जहां पर सिर्फ उनका दबदबा कायम है और यहां पर उनकी मौजूदगी भारत के खाते में 25-30 रन ज्यादा जोड़ती है. 31 ओवर में भारत का स्कोर 193/1 था. जब केएल राहुल खेलने आए और उन्होंने 31 गेंदे खेलते हुए 26 रन बनाए. खुशकिस्मती से दूसरे छोर पर शिखर धवन स्कोरबोर्ड को चलाते रहे, नहीं तो मध्यक्रम पर काफी ज्यादा दबाव बन सकता था और कुछ ही रनों के बीच भारत कई विकेट भी खो सकता था. कोहली दुनिया के सबसे बेहतरीन वनडे बल्लेबाज हैं और उन्हें उस क्रम पर बने रहना चाहिए जिसे उन्होंने खुद बनाया है.

ऋषभ पंत नहीं हैं तैयार

शुक्रवार, 8 मार्च को ऋषभ पंत को बीसीसीआई के ग्रेड ए कॉन्ट्रैक्ट में शामिल किया गया था. यह एक ऐसा कदम था, जिसका ज्यादातर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने स्वागत किया. यह देखते हुए कि वह संभवतः देश की सबसे रोमांचक युवा प्रतिभा हैं. बोर्ड के फैसले और सोशल मीडिया के रुख ने यह संकेत दिया कि पंत को मैनेजमेंट और प्रशंसकों का समर्थन हासिल है.

दो दिन बाद उसी सोशल मीडिया ने इस 21 वर्षीय खिलाड़ी को खूब ट्रोल किया. स्टेडियम में मौजूद प्रशंसकों ने उन्हें नहीं बख्शा और जब-जब पंत ने कुछ मौके गंवाए, जो खेल का रुख बदल सकते थे, तब-तब एमएस धोनी का नाम स्टेडियम में गूंजा.

नाजुक समय में की गईं गलतियां एक संकेत हैं कि पंत शायद विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में भारतीय टीम की पहली पसंद के रूप में तैयार नहीं हैं.

रविवार को यह भी दिखा कि भारतीय फैन्स स्टंप के पीछे धोनी की महारथ को देखने के इतने आदी हो गए हैं कि अब वे गलतियों को सहन नहीं कर पाते.

शमी > भुवनेश्वर

पिछले 18 महीनों के दौरान अगर किसी भारतीय क्रिकेटर में सबसे ज्यादा तब्दीली आई है, तो वह हैं मोहम्मद शमी. उन्होंने अपनी फिटनेस पर काम किया है और अपनी गेंदबाजी में और ज्यादा गति और विविधताएं लेकर आए हैं.

अपने पिछले 10 एकदिवसीय मुकाबलों में शमी ने 4.76 की इकॉनमी दर से 17 विकेट लिए हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए वह जसप्रीत बुमराह के साथ भारत की तेज गेंदबाजी के विकल्पों में पहली पसंद होने चाहिए.

दूसरी तरफ, भुवनेश्वर कुमार पिछले 18 महीनों में कुछ चोटों से जूझने के बाद अपनी गति और नियंत्रण के साथ संघर्ष करते हुए दिखाई दिए हैं. मोहाली में जब टर्नर ने मैच को ऑस्ट्रेलिया की झोली में डालते हुए उन पर धावा बोला तब वह लगातार अपनी लय खोते हुए नजर आए.

अगर भारत इंग्लैंड में विश्वकप में अपने ग्यारह खिलाड़ियों में तीन तेज गेंदबाजों को शामिल करता है तो शमी और भुवनेश्वर दोनों को शामिल किया जा सकता है, लेकिन अगर भारत सामान्य तौर पर खिलाए जाने वाले दो तेज गेंदबाज, दो स्पिनर और हार्दिक पांड्या के साथ जाता है, तो उन्हें नई गेंद के साथ बुमराह-शमी की जोड़ी को ही जगह देनी चाहिए.

(यह एक ओपिनियन लेख है और ऊपर व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं. द क्विंट इनका ना ही समर्थन करता है और ना ही इनके लिए जिम्मेदार है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×