वसीम अकरम और वकार यूनिस, क्रेग मैकडरमॉट और ब्रूस रीड, मोहम्मद आमेर और मोहम्मद आसिफ.. जब भी महान तेज स्विंग गेंदबाजों की जोड़ी की बात आती है तो अक्सर इन जोड़ों की याद आपको आ सकती है. आईपीएल में तो स्विंग गेंदबाजों को इतना मौका ही नहीं मिलता है तो जोड़ी क्या बनेगी. लेकिन, मुंबई इंडियंस की एक जोड़ी विरोधी टीमों को जबरदस्त तरीके से परेशान कर रही है. जसप्रीत बुमराह और ट्रैंट बोल्ट की जोड़ी. अब बुमराह के बारे में ज्यादा कुछ कहने को तो है नहीं तो आपको बताना चाहूंगा कि क्यों बोल्ट भी उतने ही खतरनाक है जितने कि बुमराह.
मुंबई के बॉलिंग कोच ने समझी बोल्ट की अहमियत
पिछले सीजन ही बायें हाथ के इस कीवी खिलाड़ी ने अपने दमदार खेल से दिखाया है कि उनके रहने से मुंबई के आक्रमण में और धार आ गयी है. दरअसल, बोल्ट अब आईपीएल में भी वही साबित करते दिख रहे हैं जो वो टेस्ट मैच और वन-डे क्रिकेट में अपने मुल्क के लिए पहले से ही कर चुके हैं. जैसे ही दिल्ली कैपिटल्स ने 2019 के बाद बोल्ट को टीम से अलविदा कहा मुंबई ने अगले ही ऑक्शन में उन्हें शामिल किया. बोल्ट के आदर्श और उनके बेहद करीब दोस्त शेन बॉन्ड मुंबई के गेंदबाजी कोच हैं और उन्हें ये बखूबी पता था कि बोल्ट का अनुभव मुंबई के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है.
अब खुद ही सोचिए कि जिस गेंदबाज को न्यूजीलैंड हर मुश्किल लम्हे में गेंद थमाता हो उसकी अहमियत क्या होगी. 2019 वर्ल्ड कप के फाइनल में आखिरी ओवर और सुपर ओवर डालने की जिम्मेदारी बोल्ट को ही दी गई थी. भारत के खिलाफ अहम सेमी-फाइनल मुकाबले में कप्तान विराट कोहली का बेशकीमती विकेट बोल्ट ने ही निकाला था.
लेकिन, बोल्ट के लिए सफेद गेंद की क्रिकेट में कामयाबी की राह इतनी आसान नहीं रही है. उन्हें जानकारों ने शुरुआत में सिर्फ लाल गेंद का एक बेहतरीन स्विंग गेंदबाज ही माना. बोल्ट शुरू में सफेद गेंद में उतने प्रभावशाली नहीं दिखते थे क्योंकि वो रन रोकने की बजाए विकेट लेने में यकीन रखते हैं. आज भी आईपीएल जैसे फॉर्मेट में भी उनका मूल सिद्धांत यही है. अगर आज रोहित शर्मा बोल्ट की इस आक्रामक सोच के कायल हैं तो 2015 वर्ल्ड के दौरान एक बेहद आक्रमक सोच रखने वाले आधुनिक कप्तान ब्रैंडन मैक्कलम की भी यही सोच थी. शायद यही वजह है कि 2015 वर्ल्ड कप में बोल्ट ने सबसे ज्यादा 22 विकेट लिए.
पिछले आईपीएल में शानदार प्रदर्शन
आईपीएल 2020 में मुंबई इंडियंस के लिए बोल्ट ने 15 मैचों में 25 विकेट लिए और 8 रन से भी कम रन प्रति ओवर खर्च किए थे और मुंबई को 5वीं बार चैंपियन बनाने में उनकी भूमिका बुमराह से किसी लिहाज से कम नहीं थी. 2015 से आईपीएल में खेलने वाले बोल्ट को पहले 3 साल तक जूझना ही पड़ा था. वो कुल 14 मैच ही खेल पाये थे. लेकिन, इसके बाद 2018 से बोल्ट के खेल में एक अलग निखार दिखा जिसके चलते उस सीजन वो 14 मैच खेले. उन्होंने 18 विकेट भी झटके.
हां, थोड़े से वो मंहगे जरूर साबित हुए. लेकिन, बोल्ट का नया वर्जन पुराने बोल्ट की तरह विकेट तो उसी अंदाज में लेता है लेकिन रनों पर भी अंकुश लगाता है. शायद इसलिए ये बोल्ट हर बल्लेबाज को परेशान करता है.
मुंबई इंडियंस के ट्रंप कार्ड बोल्ट
बोल्ट कई मायनों में अब भी परंपरावदी सोच रखने वाले खिलाड़ी हैं. जहां आज के दौर में हर खिलाड़ी सोशल मीडिया में हाइपर-एक्टिव रखता है बोल्ट ने पिछले 5 सालों से ट्विटर पर एक पोस्ट भी नहीं डाला है. लेकिन, इंस्टाग्राम पर उनकी तस्वीरों को आप देखेंगे तो समझ जाएंगे कि बोल्ट को क्रिकेट, परिवार और अपने दोस्तों से काफी लगाव है.
बोल्ट अगर लगातार दूसरे आईपीएल में भी मुंबई इंडियंस के लिए ट्रंप कार्ड बनकर उभरते हैं तो फिर आईपीएल के इतिहास में तेज गेंदबाजों की सबसे कामयाब जोड़ियों की बात की जाएगी तो बुमराह-बोल्ट का नाम सबसे ऊपर हो.
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